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बीकानेर,दुनिया भर के डॉक्टरों के अनुसार, फेस मास्क पहनना कोरोना से बचने का सबसे कारगर उपाय है। हाल ही में PM नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में लोगों के मास्क नहीं पहनने पर चिंता जताई है, लेकिन इसमें भी सबसे ज्यादा जरूरी है सही मास्क का इस्तेमाल करना। ओमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण के बीच एक्सपर्ट्स ने ये चेतावनी दी है कि यदि आप सिर्फ क्लॉथ मास्क पहनते हैं, तो कोरोना से बचना आपके लिए काफी मुश्किल होगा।

कपड़े के मास्क से क्या है नुकसान?
क्लॉथ मास्क सूक्ष्म कणों को शरीर के अंदर जाने से नहीं बचा पाता है। इससे बड़े ड्रॉपलेट्स तक आर-पार हो जाते हैं। अमेरिकन कॉन्फ्रेंस ऑफ गवर्नमेंटल इंडस्ट्रियल हाईजीनिस्ट्स के मुताबिक, कपड़े के मास्क में 75% लीकेज होता है।

रिसर्च में पाया गया है कि कपड़े के मोटे मास्क भी मेडिकल ग्रेड मास्क जैसा अच्छा काम नहीं कर सकते। अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) की माने तो N95 मास्क कोरोना से 95% सुरक्षा और डिस्पोजेबल मास्क 85% तक सुरक्षा देते हैं।

कपड़े का नहीं मेडिकल ग्रेड मास्क ही सुरक्षित:बढ़ते ओमिक्रॉन के बीच यह भी जानना जरूरी, क्लॉथ मास्क में ड्रॉपलेट्स आसानी से होते हैं पार

दुनिया भर के डॉक्टरों के अनुसार, फेस मास्क पहनना कोरोना से बचने का सबसे कारगर उपाय है। हाल ही में PM नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में लोगों के मास्क नहीं पहनने पर चिंता जताई है, लेकिन इसमें भी सबसे ज्यादा जरूरी है सही मास्क का इस्तेमाल करना। ओमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण के बीच एक्सपर्ट्स ने ये चेतावनी दी है कि यदि आप सिर्फ क्लॉथ मास्क पहनते हैं, तो कोरोना से बचना आपके लिए काफी मुश्किल होगा।

कपड़े के मास्क से क्या है नुकसान?
क्लॉथ मास्क सूक्ष्म कणों को शरीर के अंदर जाने से नहीं बचा पाता है। इससे बड़े ड्रॉपलेट्स तक आर-पार हो जाते हैं। अमेरिकन कॉन्फ्रेंस ऑफ गवर्नमेंटल इंडस्ट्रियल हाईजीनिस्ट्स के मुताबिक, कपड़े के मास्क में 75% लीकेज होता है।

रिसर्च में पाया गया है कि कपड़े के मोटे मास्क भी मेडिकल ग्रेड मास्क जैसा अच्छा काम नहीं कर सकते। अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) की माने तो N95 मास्क कोरोना से 95% सुरक्षा और डिस्पोजेबल मास्क 85% तक सुरक्षा देते हैं।

N95 मास्क कोरोना से 95% सुरक्षा देते हैं।
N95 मास्क कोरोना से 95% सुरक्षा देते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
CNN की मेडिकल एनालिस्ट डॉ. लियाना वेन कहती हैं कि कपड़े के मास्क चेहरे की सजावट से ज्यादा और किसी काम के नहीं होते। ओमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण के बीच उनके लिए कोई जगह नहीं है। वेन के अनुसार लोगों को कम से कम थ्री लेयर सर्जिकल मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। इन्हें डिस्पोजेबल मास्क भी कहा जाता है। ये मार्केट में आसानी से उपलब्ध हैं। आप क्लॉथ मास्क को इसके साथ भी पहन सकते हैं।

साथ ही, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर N95 और K95 मास्क लगाना बेहद जरूरी है। इनके बगैर आपका काम नहीं चलेगा। इनका मटेरियल सूक्ष्म कणों को हमारी नाक और मुंह में जाने से रोकता है।

मास्क सही फिटिंग का हो, इसका भी रखें ध्यान
मास्क पहनते वक्त ये ध्यान रखना जरूरी है कि उसकी फिटिंग कैसी है। मास्क के किसी भी साइड से कोई लीकेज नहीं होना चाहिए। इससे आपकी नाक, मुंह और चिन पूरी तरह ढंकी होनी चाहिए। साथ ही, डबल मास्क पहनने से आपको सबसे अच्छी सुरक्षा मिलती है।

N95 और K95 मास्क में अंतर
एक्सपर्ट्स के अनुसार N95 और K95 मास्क एक ही होता है। फर्क केवल इसकी लाइसेंसिंग लोकेशन में आता है। अमेरिका में इस मास्क को N95 कहा जाता है। वहीं, चीन इसे K95 मास्क बोलता है।

कई देशों ने बदले मास्क पहनने के स्टैंडर्ड
जर्मनी और ऑस्ट्रिया जैसे देशों ने मास्क पहनने के स्टैंडर्ड में बदलाव किए हैं। अब वहां सार्वजनिक जगहों पर कम से कम सर्जिकल मास्क पहनना जरूरी है। हालांकि बाकी देशों में ये गाइडलाइंस अभी तक लागू नहीं की गई हैं।

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