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बीकानेर,भाषा हमारी अभिव्यक्ति का मुख्य आधार है और मातृभाषा हमारी संस्कृति और सभ्यता का मूल है। इसलिए हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए और हमारे दैनिक जीवन व्यवहार में मातृभाषा का प्रयोग करना चाहिए जिससे भावी पीढ़ी में भी मातृभाषा के संस्कार प्रवाहित होते हैं। ये उद्बोधन जन शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष एडवोकेट गिरिराज मोहता ने अभिव्यक्त किए।

अवसर था -जन शिक्षण संस्थान, बीकानेर द्वारा स्थानीय गोलपार्क पुरानी गिन्नाणी में आज दिनांक 11 दिसंबर, 2023 को  महाकवि सुब्रमण्यम भारती की जयंती के अवसर पर भारतीय भाषा उत्सव के तहत जन शिक्षण संस्थान बीकानेर द्वारा पपेट शो, नुक्कड़ नाटक और लोकगीतों के माध्यम से भारतीय भाषा उत्सव कार्यक्रम के आयोजन का। कार्यक्रम में गावणियांर थार लोककलाकार समिति के नत्थुखां, मानेखां, संतोष कुमार, सुभान ने पपेट शो, नुक्कड़ नाटक और लोकगीतों के माध्यम से भारतीय भाषाओं के प्रति सम्मान एवं मातृभाषा के प्रति जागरूकता का संदेश दिया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में बीकानेर प्रौढ शिक्षण समिति के उपाध्यक्ष वरिष्ठ साक्षरताकर्मी ने बताया कि हमें देश की विभिन्न भाषाओं के प्रति सम्मान और आदर का भाव रखना चाहिए। भाषाएं विभिन्न हो सकती हैं लेकिन उनमें निहित भाव एक-सा ही होता है।
संस्थान के निदेशक ओम प्रकाश सुथार ने कहा कि हमारा भारत देश बहुत-सी विभिन्नताओं में एकता की विशेषता वाला देश है और भारतीय भाषाएं भारत का श्रृंगार हैं।
कार्यक्रम अधिकारी महेश उपाध्याय ने भारतीय भाषा उत्सव के तहत देश भर में होे रहे आयोजनों की जानकारी देते हुए कहा कि बहु-भाषायी ज्ञान हमारे व्यक्तित्व को निखारता है।
संस्थान के द्वयसहायक कार्यक्रम अधिकारी तलत रियाज ने आगंतुकों का स्वागत किया और उमाशंकर आचार्य ने आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। संस्थान परिवार के लक्ष्मीनारायण चूरा, विष्णुदत्त मारू और श्रीमोहन आचार्य सहित विभिन्न संदर्भ व्यक्तियों यथा सबीना, खुश्बू भाटी, रूखसाना, अंजू खत्री, संध्या भाटी, संजिता एवं प्रशिक्षणार्थियों की आयोजन की सफलता में सक्रिय भूमिका रही।

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