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*बीकानेर/जयपुर,।अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ (स्वतंत्र) राजस्थान ने राज्य सरकार द्वारा मंत्रालयिक हित में कोई आदेश जारी नहीं होने के कारण अपनी व्यथा सुनाते हुए महामहिम राज्यपाल महोदय राजस्थान प्रदेश को पत्र लिखा। पत्र कै साथ प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी ने मंत्रालयिक कर्मचारियों की बहुप्रतीक्षित मांगों पर 70से अधिक विधायकों की अनुशंसा पत्र भी संलग्न कर भिजवाएं है। *प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी ने बताया कि स्वतंत्र महासंघ ने प्रदेश सरकार का ध्यान फिर से हमारी मांगों पर लाने हेतु कई बार मांग पत्र भेजा लेकिन सरकार हमारी मांगों जिनपर सरकार से पूर्व में समझौते भी हुए,उनपर कोई ध्यान नहीं दे रही है।इस कारण प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों में भयंकर रोष व्याप्त है, सरकार मंत्रालयिक कर्मचारियों को सरकार अपनी ही रीढ़ कहे जाने वाले मंत्रालयिक कर्मचारी की पीड़ा को लगातार दरकिनार कर अपने ही वादों से मुकरने का काम कर रही है। राजस्थान के 70से अधिक विधायकों द्वारा मंत्रालयिक मांगों पर अनुशंसा किए जाने के बावजूद भी सरकार हमारी मांगों पर आदेश जारी नहीं कर रही है जो कि लोकतंत्र के विरुद्ध है।यदि अब भी हमारी मांगों पर आदेश जारी नहीं होते हैं तो राजस्थान कै बाबू को आंदोलन का रास्ता अपनाना ही पड़ेगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी। *प्रदेश प्रवक्ता सागर पांचाल* ने अवगत करवाया कि प्रदेश सरकार ने चुनाव पूर्व मंत्रालयिक कर्मचारियों से जो वादे किए, उनपर सरकार को अमल करना चाहिए, मंत्रालयिक कर्मचारियों की उन मांगों,जिनपर कौई वित्तीय भार नहीं है,ऐसी मांगों पर तत्काल आदेश जारी कर सरकार को प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों का विश्वास हासिल करना चाहिए।

 

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