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बीकानेर, घर-घर औषधि योजना के पहले चरण में इस वर्ष जिले में औषधीय महत्व के 16 लाख पौधों का निःशुल्क वितरण किया जाएगा। इनमें लगभग पांच लाख पौधे शहरी क्षेत्र में डोर-टू-डोर दिए जाएंगे। इसकी कार्ययोजना पर चर्चा के संबंध में सोमवार को जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। जिला कलक्टर ने कहा कि यह राज्य सरकार की अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है तथा प्रदेश स्तर पर इसकी नियमित समीक्षा होगी। इसके मद्देनजर योजना का क्रियान्वयन पूर्ण गंभीरता से किया जाए। इससे जुड़े प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी आपसी समन्वय रखें तथा यह सुनिश्चित करें कि लक्षित क्षेत्रों में प्रत्येक घर तक यह पौधे पहुंचे। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में वार्ड तथा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत इकाई होगी, जिनमें उपलब्धता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से पौधे वितरित किए जाएंगे। आमजन अभियान के प्रति जागरुक हो, इसके मद्देनजर आईईसी की गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी। उन्होंने चरणवार पौधों की उपलब्धता, ट्रांसपोर्टेशन, घर-घर वितरण के लिए कमेटियों के गठन, वितरण रिकाॅर्ड संधारण सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा की। घर-घर पौधे पहुंचाने के लिए पर्याप्त संख्या में बैग तैयार करने के लिए नगर निगम आयुक्त और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उपखण्ड स्तर पर टास्क फोर्स गठित की गई हैं। इनकी बैठकें आयोजित करते हुए संबंधित क्षेत्र में पौधों के वितरण की योजना तैयार की जाए। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत स्तरीय कमेटयों में एएनएम, बीएलओ, ग्राम सेवक, पटवारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा वन रक्षक आदि को शामिल किया जाएगा। उप वन संरक्षक वीरेन्द्र सिंह जोरा ने बताया कि घर-घर औषधि योजना के तहत प्रत्येक घर में आठ-आठ पौधे दिए जाएंगे। इनमें तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ के दो-दो पौधे होंगे। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) अरुण प्रकाश शर्मा, नगर निगम आयुक्त एएच गौरी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राम रतन सौंकरिया, प्रशिक्षु आइएएस सिद्धार्थ पलनिचामी, निगम उपायुक्त पंकज शर्मा, जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा आदि मौजूद रहे।

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