बीकानेर। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर लगाम लगाने के बावजूद सैंपलिंग, स्क्रीनिंग, सर्वे व कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की गतिविधियां मौजूदा स्तर पर जारी रखी जाए और ज्यादा से ज्यादा संख्या में टीकाकरण सत्र आयोजित कर अधिकाधिक आमजन को प्रतिरक्षित कर लिया जाए। लेकिन इस बीच मातृ शिशु स्वास्थ्य पर भी पूरा ध्यान दिया जाए और मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने में ना हो कोई कोताही। यह कहना था जिला कलेक्टर नमित मेहता का, वे बुधवार को यूआईटी सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पहली और दूसरी लहर के विरुद्ध विभाग के प्रदर्शन की जमकर तारीफ की और संभावित तीसरी लहर से लड़ने की तैयारियों का जायजा लिया। मेहता ने कहा कि पेरिफरी में आपदा फण्ड, नगर पालिका व सीएसआर के तहत बन रहे 8 ऑक्सीजन प्लांट का कार्य तय समय में पूर्ण कर लिया जाए, प्रचुर मात्रा में प्राप्त ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर व अन्य उपकरणों को एक बार उपयोग कर चेक किया जाए, विद्युत् आपूर्ति बेक अप व अग्निशमन उपकरणों के रखरखाव की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सीएचसी-पीएचसी के चिकित्सकों की कोविड के उपचार सम्बन्धी प्रशिक्षण करवाने के निर्देश दिए ताकि जरुरत पड़ने पर मॉडरेट स्तर के मरीजों को ग्रामीण क्षेत्रों में ही उपचार उपलब्ध हो सके। जिले को बड़ी संख्या में मिले कोविड हेल्थ सहायक व सीएचओ का सदुपयोग करने के निर्देश सीएमएचओ डॉ ओ. पी. चाहर को दिए। कोविड टीकाकरण में अब दूसरी डोज पर फोकस करने के निर्देश दिए गए। इससे पूर्व डॉ चाहर व डिप्टी सीएमएचओ डॉ रमेश गुप्ता ने एजेंडा वार सभी कार्यक्रमों की प्रगति समीक्षा सदन के समक्ष रखी। उन्होंने जेएसवाई व राजश्री योजना के बकाया भुगतान निपटाने, परिवार कल्याण के लक्ष्यों को हासिल करने, जल जनित बीमारियों व अन्य मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण, मच्छरों की रोकथाम, हर रविवार, डेंगू पर वार, पानी की सैंपलिंग व क्लोरीनेशन के निर्देश दिए। आरसीएचओ डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने कोविड टीकाकरण व मातृ शिशु स्वास्थ्य सम्बन्धी गर्भवतियों की 4 बार एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव, बच्चों का टीकाकरण आदि 5 बिंदु समीक्षा प्रस्तुत की। डॉ नवल किशोर गुप्ता ने मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना जबकि डॉ सीएस मोदी ने सिलिकोसिस से सम्बन्धी प्रगति रिपोर्ट से सदन को अवगत करवाया। यूएनडीपी के संभागीय कार्यक्रम अधिकारी योगेश शर्मा ने को-विन तथा इ-विन सोफ्टवेयर से सम्बंधित नए अपडेट्स पर जानकारी दी वहीँ विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ अनुरोध तिवारी ने बच्चों के टीकाकरण व पोलियो के लिए एएफपी सर्विलेंस पर प्रेजेंटेशन दी। बैठक में उपनिदेशक सूचना एवं जनसंपर्क हरिशंकर आचार्य, डॉ गौरीशंकर जोशी, डॉ एम.अबरार पंवार, डीएनओ मनीष गोस्वामी, एपिडेमियोलोजिस्ट नीलम प्रताप सिंह, आशा समन्वयक रेणु बिस्सा, एडीएनओ आरबीएसके डॉ. मनुश्री सिंह, डॉ. नेहा दाधीच, जिला आई.ई.सी. समन्वयक मालकोश आचार्य सहित समस्त बीसीएमओ, बीपीएम व ग्रामीण सीएचसी-पीएचसी के प्रभारी उपस्थित रहे।
परिवार कल्याण के लिए जागृति फैलाएंगे आशा-आंगनवाड़ी
डिप्टी सीएमएचओ डॉ योगेन्द्र तनेजा ने बताया कि परिवार कल्याण कार्यक्रम में “बच्चे 2 ही अच्छे” को मूल मंत्र मानते हुए जिले के ईएलए यानिकी वार्षिक वांछित उपलब्धि स्तर को 2 बच्चों पर आधारित कर 6,043 दिया गया है। 2 से अधिक बच्चों पर भी परिवार कल्याण सेवाएं दी जाएंगी लेकिन जिले की उपलब्धि में केवल 2 बच्चों पर अपनाए गए स्थाई परिवार कल्याण साधन ही जुड़ेंगे। इस पर कलक्टर मेहता ने उपस्थित उपनिदेशक आईसीडीएस शारदा चैधरी को निर्देश दिए कि जिले की आशा सह्योगिनियों व आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को परिवार कल्याण के लिए जनजागरण हेतु लगाया जाए। जिले की टोटल फर्टिलिटी रेट को 2.7 से शीघ्र नीचे लाया जाए। विशेषकर जनसँख्या मोबिलाइजेशन पखवाड़े में योजना बनाकर अधिकाधिक योग्य दम्पत्तियों तक पहुंचा जाए।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने में कोताही पर होगी सख्त कार्यवाही
जिला कलक्टर नमित मेहता ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को वर्तमान सरकार की बेहतरीन फ्लैगशिप योजना बताते हुए इसके प्रबंधन पर फोकस करने के निर्देश दिए। डीपीएम सुशील कुमार ने अब तक शून्य उपलब्धि वाले संस्थानों की जानकारी दी तो कलक्टर ने स्पष्ट किया कि चिरंजीवी योजना का लाभ अधिकाधिक आम जन को दिया जाए, इसमें किसी भी प्रकार की कोताही होने पर सुनिश्चित रूप से विभागीय कार्यवाही अमल में लाइ जावेगी।
दिव्यान्गों को जल्द से जल्द जारी होंगे सर्टिफिकेट
मेहता ने दिव्यान्गों को डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट के कार्य में 15 हजार से ज्यादा की पेंडेंसी को गंभीरता से लेते हुए पीबीएम व पेरीफरी स्तर पर इसे मिशन मोड पर निपटाने के निर्देश दिए। बैठक में फिजिकल मेडिसिन विभाग के प्रभारी डॉ रजनीश शर्मा ने स्पष्ट किया कि विजिबल डिसेबिलिटी जैसे नेत्र, लोकोमोटर, मेंटल आदि से सम्बंधित सर्टिफिकेट सीएचसी-पीएचसी स्तर से अग्रेसित कर सीएमएचओ स्तर से जारी किए जाएंगे तभी उक्त पेंडेसी मिट पाएगी।
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