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बीकानेर। जुआ अब चोरी-छिपे नहीं सरेआम होता है। शहर, गांव हो या कस्बा सुबह से लेकर शाम तक जुए का दौर चलता है। ताश के पत्तों पर हजारों के दांव लगा लोग भाग्य आजमा रहे हैं। भाग्य के मोहजाल भरे खेल में सैकड़ों परिवार तबाही का शिकार हो चुके हैं। कहीं ताश के पत्तों पर अमिताभ बच्चन तो कहीं माधुरी दीक्षित के नए-नए नाम से जुआ की महफिले सज रही हैं। इसमें युवा जुआ के आदी होकर घर की पूंजी गंवा बर्बादी के रास्ते पर हैं। पहले पुलिस का नाम सुनते ही जुआरी भाग खड़े होते थे। बदले समय में अब पुलिस आते-जाते रहकर भी जुआरियों को कानून का कोई डर नहीं रहा। जुए में जीतने वाला खुशी मनाता है वहीं हारने वाले का पूरा परिवार भुगतता है। थाना हो या चौकी उसके आस-पास बेखौफ जुए की महफिले सजती है। पुलिस की मौजूदा कार्यशैली की वास्तविकता का खुलासा कर रहे हैं। जुआ को लेकर यह हालत किसी एक गांव या कस्बे की नहीं बल्कि शहर के कई मोहल्लों और गांवों की है।

 

जुआ गली मोहल्लों में छोटे तौर पर खेलते हैं। अब समय के साथ जुआ खेलने वालों का तरीका भी बदल गया है। जुआ खेलने व खेलाने वाले होटलों में नहीं फार्म हाऊस या घरों में खेलते हैं। ताश व घोड़ी पर हर दिन लाखों के दावं लगते है। इन जुए के अड्डों पर गरीब व मजदूर तबके के लोग अपनी दिनभर की गाढ़ी कमाई गवां रहे हैं।

 

जुए घर चलने को लेकर अक्सर संबंधित थाना पुलिस पर आरोप लगते रहते हैं। संबंधित थाना पुलिस बड़े जुआरियों पर कार्रवाई न के बराबर करती है जबकि गली-मोहल्ले में जुआ खेलने वालों को पकड़ कर पुलिस वाहवाही लूट रही है। ग्रामीण रमेश व साबिर बताते हैं कि नशाखोरी के बाद जुआरी आपस में ही झगड़ा करते हैं, जिससे माहौल खराब होता हैं। जुआरी पुलिस के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। पुलिस ने जुआ खेलने की छूट देकर कमाई का जरिया बना रखा है। यही वजह है कि किशोरावस्था में ही युवा पीढ़ी को जुए की लत लग रही है। घर-परिवार में जुए के चलते हर दिन कलह हो रही है। गांवों में ताश के पत्तों पर जुआ की चौपालें सुबह से देर रात तक संचालित होती रहती हैं। इससे गांवों में अराजकता की स्थिति बनी रहती है।

 

पुलिस जुआरियों के खिलाफ कार्रवाई करती है लेकिन बड़े जुआरी पकड़ में नहीं आते हैं। वर्ष 2020 में पुलिस ने जुआ संबंधी 287 कार्रवाई कर 574 लोगों को पकड़ा। इनसे दो लाख 89 हजार रुपए जब्त किए थे जबकि इस साल जनवरी से 30 जून तक 330 कार्रवाई कर 666 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका हैं। इनसे करीब आठ लाख 65 हजार 800 रुपए जब्त किए गए।

 

संबंधित थाना पुलिस की ओर से सटोरियों व जुआरियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई में रुचि नहीं लेने से स्पेशल पु्लिस टीम (डीएसटी) जिलेभर में कार्रवाई कर रही है। डीएसटी ने क्रिकेट सट्टा, जुआ संबंधी जिले के हर थाना क्षेत्र में कार्रवाई की है। डीएसटी के कार्रवाई करने और संबंधित थाना पुलिस को जुए-सट्टे की भनक तक नहीं लगना आश्चर्यजनक है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि जुआरियों व स्टोरियों के साथ संबंधित थाना पुलिस की मिलीभगत है। इसी के चलते संबंधित थाना पुलिस बड़े जुआरियों व स्टोरियों के खिलाफ कार्रवाई करने से कतराती है।

 

वही कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह इंदौलिया, का कहना है कि जुआ खेलने व खेलाने वालों पर कार्रवाई करते हैं। कई बार मुखबिरों की सूचना व आमजन की शिकायत पर कार्रवाई की जा जाती है। जुआरियों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई करते हैं।

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