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बीकानेर, दौरे के दौरान डीजीपी मोहनालाल लाठर ने ये कहा मेरे पास भी आया ठगी वाला SMS, आम आदमी तो दूर अब राज्य के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी को ठगने का प्रयास भी होता रहा है। ये बात अलग है कि पुलिस लवाजमे की भारी भरकम साइबर क्राइम टीम ने इस कोशिश को नाकाम कर दिया। वहीं, एक रिटायर्ड IAS पिछले दिनों ही इनाम में निकली स्कोर्पियो पाने के झांसे में चालीस हजार रुपए का भुगतान भी कर चुके हैं। किसी ओर ने नहीं बल्कि राज्य के DGP (डायरेक्टर जनरल पुलिस) मोहनलाल लाठर ने स्वयं इसका खुलासा किया है। बीकानेर में निरीक्षण के लिए आए लाठर ने बढ़ते साइबर क्राइम की बात की तो अपने अनुभव भी शेयर किए। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को ही उनके पास एक संदेश आया था कि मोबाइल नंबर की KYC दोबारा करवानी होगी अन्यथा नंबर बंद हो जायेगा। इस पर उन्होंने ये संदेश अपनी साइबर सेल को दिया। पता लगाया गया कि कौनसे नंबर को बंद करने की तैयारी चल रही है। रिपोर्ट में सामने आया कि ये किसी कंपनी का नहीं बल्कि फर्जी मैसेज है। जिस नंबर से मैसेज आया था, वो जामतारा से था, जो फर्जी कॉल का सबसे बड़ा गढ़ है। DGP लाठर ने बताया कि वो स्वयं तो इस क्राइम से बच गए, लेकिन उनके एक मित्र जो रिटायर्ड IAS है, उनको ठगा जा चुका है। अधिकारी का नाम नहीं बताते हुए लाठर ने कहा कि उनको पुरस्कार में स्कोर्पियो निकली थी। पूछा गया कि स्कोर्पियो लेंगे या नगद रुपए लेंगे। रिटायर्ड IAS ने नगद लेने की बात कह दी। तो कहा गया कि पहले आप जीएसटी जमा करवा दो। जीएसटी के रूप में 49000 रुपए जमा करवा दिए गए। इसके बाद फोन करने वाले ने कहा कि टीडीएस भी आपको कटवाना होगा। रिटायर्ड ऑफिसर के समझ आ गया कि ये फर्जी है, क्यों कि टीडीएस तो सामने वाला ही काटता है। DGP ने कहा कि उनके मित्र ने कभी महिंद्रा से कोई उत्पाद खरीदा ही नहीं था तो फिर उन्हें पुरस्कार क्यों मिलता? इतना विचार भी कर लेते तो ठगी नहीं होती। बाद में इन नंबरों का पता किया तो वो भी जामतारा से फर्जी कॉल थी। लाठर ने कहा कि आम आदमी को साइबर क्राइम से खुद ही सजग रहना होगा। अगर आप स्वयं थोड़ा दिमाग लगायेंगे तो पता चल जायेगा कि कॉल करने वाला फर्जी है। कोई लॉटरी खरीदे बगैर ही आपको ईनामाम कैसे मिल गया?

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