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बीकानेर,जयपुर रोड़ पर हल्दीराम प्याऊ के पास स्थित रेंस्टारेंट में सोमवार की रात हुए अग्निकांड में चौंकानें वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि रेंस्टोरेंट में ना तो आग पर काबू पाने के पुख्ता बंदोबश्त थे ना ही फायर एनओसी ले रखी थी। नगर निगम के फायर ऑफिसर रेंंवतसिंह ने इसकी पुष्टी करते हुए कहा कि रेंस्टोरेंट संचालक ने फायर एनओसी नहीं ले रखी थी और बीते साल इसे नोटिस भी जारी किया गया था। इतना ही नहीं अग्रिकांड के दौरान रेंस्टारेंट में रसोई गैस सिलेण्डरों का भंडारण भी क्षमता से अधिक कर रखा था और अवैध रूप से घरेल रसोई गैस सिलेण्डर भी काम में लिये जा रहे थे। अग्रिकांड के वक्त रेंस्टोरेंट में करीब पचास रसोई गैस सिलेण्डर थे,इनमें बीस के करीब सिलेण्डर घरेलू थे । आग पर काबू पाने वाली फायर बिग्रेड टीम में शामिल रहे अभिषेक ने बताया कि आगजनी के दौरान रेंस्टोरेंट में रखे सात सिलेण्डरों में विस्फोट हुआ जिससे भारी तबाही हुई है । यह सिलेण्डर सुरक्षित जगह पर नहीं बल्कि गैस सप्लाई प्लांट की गैलरी में रखे हुए थे। फायर ऑफिसर रेंवत सिंह ने माना है कि यह अग्रिकांड रेंस्टोरेंट संचालक की लापरवाही के कारण हुआ है। पुलिस भी आग के कारणों और अग्निकांड से हुई तबाही का पता लगाने के लिये रेंस्टोरेंट में लगे सीसीटीवी फुटैज खंगाल रही है। जानकारी में रहे कि रविवार की रात जयपुर रोड़ स्थित इस रेंस्टोरेंट में लगी भीषण आग की चपेट में आने से रेस्टोरेंट में सो रहे दो लोग जिंदा जल गए। रात करीब दो बजे जयपुर रोड पर स्थित रेस्टोरेंट में भीषण आग लगने से रेस्टोरेंट जलकर खाक हो गया। घटना के समय दो लोग रेस्टोंट में सो रहे रहे थे, जिससे वे जिंदा जल गए। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस और फायर बिग्रेड की गाडय़िां पहुंच गई। चार घंटे की मशक्कत के बाद करीब सवा छह बजे सुबह आग पर काबू पाया जा सका। इस अग्रिकांड में पटना निवासी २४ वर्षीय राकेश पुत्र हरेकृष्ण और नया गांव कोलायत निवासी धन्नेसिंह पुत्र ज्ञान सिंह राजपूत की आग में जलने से मौत हुई है। आग में जलने से दोनों के शव कंकाल में तब्दील हो गए। आग से पूरा रेस्टोरेंट ही जलकर ख़ाक आग से पूरा रेस्टोरेंट ही जलकर खाक हो गया है, ऐसे में लाखों रुपए का नुकसान आंका जा रहा है।

प्रशासन की लापरवाही भी उजागर
रविवार की रात हुए इस अग्रिकांड के बाद बीकानेर के होटलों,रेस्टोरेंटों,ढ़ाबों और मिठाई के कारखानों में घरेलू गैस सिलेण्डरों के दुरूपयोग तथा सिलेण्डरों के अवैध भंडारण का मामला एक बार फिर गरमा गया है। इस अग्रिकांड को लेकर प्रशासनक की लापरवाही भी उजागर हो गई है। हालांकि जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने बीते माह घरेलू गैस सिलेण्डरों का दुरूपयोग और अवैध भंडारण पर अंकुश के लिये छापामार कार्यवाही योजना बनाई है। इसके लिये जिला रसद अधिकारी के नेतृत्व में अलग अलग टीमों का गठन किया गया था। मगर प्रशासनिक टीम ने शहर में अवैध रूप से संचाललित गैस रिलिफिंग के एक दो अवैध ठिकानों पर कार्यवाही कर इतिश्री कर ली और होलटों,रेस्टोंरेट,ढ़ाबों और मिठाई कारखानों में रसोई गैस सिलेण्डरों के अवैध भंडार की तरफ झांककर भी नहीं देखा।

मृतक आश्रितों का मुआवजें की मांग,मोर्चरी के बाहर दिया धरना
रेंस्टोरेंट में हुए अग्निकांड की चपेट में आने से जिंदा जले राकेश मंडल और धनेसिंह के आश्रितों को मुआवजा दिये जाने की मांग को लेकर बुधवार को भाजपा नेता श्याम सिंह हाड़ला और भगवान सिंह मेड़तिया की अगुवाई में मोर्चरी के बाहर धरना शुरू कर दिया। इस मौके पर श्याम सिंह हाड़ला ने कहा कि रेंस्टोरेंट में आगजनी की रोकथाम के पुख्ता बंदोबश्त नहीं थे,ना ही फायर एनओसी ले रखी थी। ऐसे में रेंस्टोरेंट संचालक सीधे तौर पर हादसे का जिम्म्ेदार है। हमारी मांग है कि हादसे में दिवंगतों के परिजनों का आर्थिक मुआवजा दिया जाये। इस दौरान प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में हुई समझौता वार्ता के बाद प्रशासन ने मुआवजे की मांग मान ली। आर्थिक सहायता के तौर पर मृतकों को पैंतालीस लाख रूपये और चिरंजीवी योजना के तहत पांच लाख रूपये देने की मांग पर सहमति के बाद धरना खत्म कर दिया गया। धरने में विजय सिंह खारा,दिलीप ङ्क्षसह नया गांव,जितेन्द्र सिंह समेत मृतक धने सिंह के परिवाजन शामिल थे।

बीते माह डोसा प्लाजा रेस्टोरेंट में भभकी थी आग
जानकारी मे रहे कि बीते माह जय नारायण व्यास कॉलोनी स्थित महर्षि गौतम सर्किल के पास ही डोसा प्लाजा रेस्टोरेंट लगी भीषण आग में भी भारी तबाही हुई थी। आग की चपेट में आने से रेंस्टोरेंट का सारा फर्नीचर और साजो सामान जलकर रखा गया और आग पर काबू पाने में फायर बिग्रेड टीम को तीन घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। आग की चपेट में आये इस रेस्टोरेंट की छत पर पंद्रह से ज्यादा गैस सिलेंडर थे। गनीमत रही कि सिलेंडर तक आग पहुंचने से पहले ही काबू कर लिया गया। अगर सिलेण्डर आग की चपेट में आ जाते तो भीषण जनहानि की आंशका थी। इस अग्रिकांड की जांच में रसोई गैस सिलेण्डरों के अवैध भंडारण का मामला सामने आया था,लेकिन रसद विभाग के अधिकारियों ने मामले को दबा दिया।

रेस्टोरेंट्स और मिठाई कारखानों में होता है जमकर दुरूपयोग
इस मामले की पड़ताल में सामने आया है कि बीकानेर शहर घरेलू गैस सिलेण्डरों का सबसे ज्यादा दुरूपयोग मिठाई के कारखानों और रेंस्टोरेंट में होता है। इनके संचालकों ने दिखावे के तौर पर कमर्शियल गैस सिलेंडर के कनेक्शन ले रखे है । जबकि हकीकत यह है कि इन रेस्टोरेंट्स और मिठाई कारखानों में कमर्शियल से दुगुनी तादाद में घरेलू गैस सिलेण्डरों का दुरूपयोग हो रहा है। इसमें कई गैस ऐजेंसी संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई है।

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