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बीकानेर,शहर के ऐतिहासिक छतरी के पाटे वाले दम्मानी चौक में वीर रस प्रधान अमर सिंह राठौड़ की रम्मत हुई, तो मोहता चौक में पंचांग पढ़ने की पुरातन परम्परा का निर्वहन हुआ। हर्षोंं के चौक में होली के अवसर पर खेले जाने वाले डोलची खेल को बड़ी स्क्रीन पर देखकर हर किसी ने बीकानेर की सांस्कृतिक विरासत को समझने का प्रयास किया। अवसर था बीकानेर बाई नाइट का। अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव के पहले दिन शुक्रवार को शहरी क्षेत्र में पहली बार यह आयोजन हुआ। इस अवसर पर पूरे रूट को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया। संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन तथा जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल का दम्मानी चौक पहुंचने पर वेद मंत्रों के साथ स्वागत किया गया तथा राजस्थानी पगड़ी पहनाकर शहरवासियों ने उनकी अगवानी की। यहां वीर रस प्रधान अमर सिंह राठौड़ की रम्मत का मंचन हुआ। संभागीय आयुक्त ने बीकानेर की संस्कृति को अलहदा बताया तथा कहा कि यहां की जीवंतता पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। जिला कलेक्टर ने कहा कि बीकानेर शहर के लोग उत्सव धर्मी हैं। ऊंट उत्सव के दौरान यहां होने वाले कार्यक्रमों से शहरी परकोटे के अलावा देशी और विदेशी पर्यटकों को यहां की संस्कृति को जानने के अवसर मिलेंगे। बाय नाइट प्रभारी और पर्यटन विकास समिति के सदस्य गोपाल बिस्सा ने बताया कि हर्षों के चौक में बीकानेर का परम्परागत डोलची खेल बड़ी स्क्रीन पर दिखाया गया। मोहता चौक में देशी-विदेशी पर्यटकों ने यहां की रबड़ी का स्वाद चखा। वहीं परम्परागत हस्त लिखित पंचांग का वाचन किया गया। यहां की हवेलियों की कारीगरी देखकर देशी विदेशी सैलानी अभिभूत हुए। आसाणियों के चौके में वेद पाठशाला के विद्यार्थियों ने वेद मंत्र प्रस्तुत किए। स्थानीय कलाकारों द्वारा हवेली संगीत की प्रस्तुति दी गई। ढढ्ढों के चौक में गणगौर घूमर नृत्य प्रस्तुत किया गया। वहीं कोचरों के चौक में संगीत संध्या हुई। यहां फूड जोन बनाया गया। जहां बीकानेरी भुजिया, जलेबी और घेवर बनाया जाएगा तथा आमजन इनका स्वाद चखा। इस दौरान महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉ. बिठ्ठल बिस्सा, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के कोषाध्यक्ष राजेंद्र जोशी, समाजसेवी रूप किशोर व्यास सहित पर्यटन विभाग के अधिकारी और बड़ी संख्या में आम जन मौजूद रहे।

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