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बीकानेर,पुरुष नसबंदी पखवाड़े के कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गतत बुधवार को जिला स्वास्थ्य भवन सभागार में चौथा पुरुष नसबंदी सम्मेलन आयोजित किया गया। इससे पूर्व 2018, 2019 व 2021 में एनएसवी सम्मलेन आयोजित किए गए थे। पुरुष नसबंदी के लाभ बताने, इससे जुड़े भ्रम तोड़ने और सेवा लाभार्थियों के अनुभव जानने के उद्देश्य से सम्मेलन में पुरुष नसबंदी यानी कि एनएसवी करवाने वाले लाभार्थी दंपतियों को आमंत्रित कर सम्मान किया गया। परिवार सेवा संस्थान की ओर से सभी लाभार्थियों को उपहार दिए गए। डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण डॉ योगेंद्र तनेजा व ब्लॉक सीएमओ बीकानेर डॉ सुनील हर्ष द्वारा वर्ष 2021-22 में सर्वाधिक पुरुष नसबंदी व महिला नसबंदी प्रेरित करने वाले नर्सिंग अधिकारियों-कर्मचारियों को पुरस्कार वितरण किया गया। कार्यक्रम में डॉ तनेजा द्वारा पुरुष नसबंदी की नवीन तकनीक नॉन स्केलपल वेसेक्टॉमी यानी कि एनएसवी की विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में सभी दम्पतियों ने अपने-अपने अनुभव बताए कि कैसे उन्हें पुरुष नसबंदी की जानकारी मिली, कैसे वे प्रेरित हुए, प्राप्त सेवाओं की गुणवत्ता कैसी थी और अब वे कैसा अनुभव करते हैं ? सभी लाभार्थियों ने एनएसवी की पुरजोर वकालत की।
कार्यक्रम का प्रबंधन सहायक लेखा अधिकारी अनिल आचार्य, दीपक गोदारा, भंवर सिंह देवड़ा व अनिल सोनगरा ने किया। इस अवसर पर डॉ सुरेश स्वामी, दीपक गोदारा सहित ब्लॉक बीकानेर स्टाफ व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।

*ये हुए सम्मानित*
सर्वाधिक पुरुष और महिला नसबंदी प्रेरित करने के लिए केसर देसर जाटान के मेल नर्स अनिल मोदी, रणजीतपुरा एएनएम मधु श्रीवास्तव, धीरदेसर पुरोहितान से अनीता रानी, उप स्वास्थ्य केंद्र घट्टू हिम्मतसर से सुमित्रा कस्वा, लखासर से सुलोचना व उप स्वास्थ्य केंद्र धनेरू एएनएम सोना देवी को शील्ड देकर सम्मानित किया गया। परिवार कल्याण कार्यक्रम में पार्टनर एनजीओ की ओर से सर्जन डॉ आर एल बिश्नोई, परिवार सेवा संस्थान की सुपर्णा मेहता तथा सम्मेलन के आयोजन के लिए ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक ऋषि कल्ला का सम्मान किया गया।

*क्या है एनएसवी ?*
डिप्टी सीएमएचओ (प.क.) डॉ. योगेन्द्र तनेजा ने एनएसवी यानिकी नॉ स्केलेपल वेसेक्टोमी की सम्पूर्ण विधि संक्षेप में बताते हुए स्पष्ट किया की ये बिना चीरा, बिना टांका, बिना दर्द की और 5 मिनट में पूर्ण होने वाली आसान सी प्रक्रिया है जो हर लिहाज से सुरक्षित और उत्कृष्ट विधि है जिसे अपनाने वाले बहुत संतुष्ट हैं। सरकार द्वारा प्रोत्साहनस्वरुप 3,000 रूपए भी दिए जाते हैं।

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