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बीकानेर,क्या आप भी अपने फोन पर आने वाले स्पैम कॉल्स या मैसेज से परेशान हैं? तो शायद इससे छुटकारा पाने के लिए आप भी अलग-अलग तरीके अपनाते होंगे।हालांकि, कभी आपने ये जानने की कोशिश की है कि आपका नंबर उन तक पहुंचता कैसे हैं? अगर नहीं तो आइए आज आपको बताते हैं कि आपका नंबर स्पैम कॉल या मैसेज करने वालों के पास कैसे और कहां से पहुंचता है? साथ ही फिशिंग या फ्रॉड से बचने का तरीका भी बताते हैं?

Where do scammers get your number?

इस कोई संधे की बात नहीं है कि स्पैम कॉल या मैसेज से आपके पर्सनल डेटा को नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि, आपके डेटा भी कहीं न कहीं मोबाइल नंबर स्कैमर्स तक पहुंचने का कारण होता है। आपका नाम, उम्र, नंबर भी पर्सनल इंफॉर्मेशन जैसी जानकारी साझा हो सकती है। उदाहारण के तौर पर आपने अपना फोन नंबर साथ में अन्य जानकारी को किसी वेबसाइट पर साझा किया तो वहां आपकी जानकारी सेव हो जाती है, जिसका फायदा स्कैमर्स जानकारी किसी वेबसाइट पर शेयर की तो आपकी डिटेल्स सेव जाती हैं।क्यों आते हैं इंश्योरेंस या बैंक से कॉल्स?

कई बार आप भी सोचते होंगे कि हमनें तो किसी तरह के इंश्योरेंज या बैंक में कार्ड के लिए कोई अप्लाई किया नहीं तो हमारा नंबर कैसे स्पैमर्स के पास गया? तो आपको बता दें कि किसी भी वेबसाइट पर अगर आपने कभी नंबर साझा किया होगा या फिर आपका नंबर किसी बैंक से लिंक होगा तो आसानी से आपका नंबर स्पैमर्स तक पहुंच जाता है।

फिशिंग या फ्रॉड के हो सकते हैं शिकार

नंबर साझा होने पर स्पैम्स कॉल्स और मैसेज काफी आने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा संभावना फिशिंग या फ्रॉड के शिकार होने की रहती है। इसमें लोगों को फ्री ऑफर्स या लॉटरी का लालच देते हुए फसाया जाता है, जिसमें फंसकर लोग अपने बैंक की जानकारी को शेयर कर देते हैं और फिशिंग के शिकार हो जाते हैं।क्या है बचाव का तरीका?

बचाव के लिए खास तरीका तो नहीं है लेकिन हां, आप सतर्कता बरते हुए बच सकते हैं। किसी भी साइट पर अपना नंबर साझा ना करें। फोन पर आ रहे स्पैम कॉल्स या मैसेज को इग्नोर करें। आप चाहें तो इसके लिए फोन में ट्रू कॉलिंग ऐप डाउनलोड कर सकते हैं जिससे स्पैम कॉल या मैसेज की पहले ही जानकारी हो सकेगी।

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