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बीकानेर,केंद्र सरकार ने  अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों को बड़ी राहत देते हुए एयर सुविधा फॉर्म (Air Suvidha Form) भरने की अनिवार्यता को रद्द कर दिया है। यानि अब भारत आने वाला किसी भी हवाई यात्री को इस फॉर्म को भरने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा।

कोरोना के दौरान एयर सुविधा फॉर्म को किया गया था अनिवार्य

बता दें कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने सभी इंटरनेशनल पैसेंजर्स की जानकारी लेने के लिए इस फॉर्म को अनिवार्य किया था। इस फॉर्म को नागरिक उड्डयन मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय ने मिलकर तैयार किया था।

अब पैसेंजर्स के बचेंगे हजारों रुपए

अब जब कोरोना का असर पहले से काफी कम हो गया है, तो ऐसे में सरकार ने इस फॉर्म को भरने की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया है। यह खबर हवाई यात्रियों के लिए इसलिए भी खास है क्‍योंकि इस फॉर्म के साथ कई अहम दस्‍तावेज लगाने होते थे, जिसमें हवाई यात्रियों को हजारों रुपए का खर्च उठाना पड़ रहा था। इसलिए अब हवाई यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जेब पर पड़ने वाला अतिरिक्त खर्च बच जाएगा। आइए विस्तार से समझते हैं कैसे..?

एयर सुविधा फॉर्म क्‍या है?

इस संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा 21 नवंबर 2022 को एक ऑर्डर जारी किया गया है जिसमें बताया गया है कि भारत आने वाले सभी हवाई पैसेंजर को अब ‘एयर सुविधा’ फॉर्म नहीं भरना होगा। ज्ञात हो, भारत आने वाले सभी पैसेंजर को पहले एक फॉर्म भरना होता था। इसे नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ‘एयर सुविधा’ नाम से तैयार किया था, इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी अपना सहयोग दिया था। ये एक कॉन्‍टेक्‍ट लेंस समाधान था, जिसके तहत भारत आने वाले सभी यात्रियों को सेल्फ डिक्लेरेशन पोर्टल पर इस फॉर्म को भरना होता था।

सरकार ने देश में कोरोना वायरस के मामलों में कमी आने के बीच अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए ‘एयर सुविधा’ फॉर्म भरने की अनिवार्यता को सोमवार को समाप्त करने का फैसला किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए संशोधित दिशा-निर्देश 22 नवंबर से प्रभावी हो गए हैं। बीते हफ्ते, नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि हवाई यात्रा के दौरान मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य नहीं है, लेकिन यात्रियों को इसका उपयोग करना चाहिए।

सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म

सभी पैसेंजर को एयर सुविधा पोर्टल पर सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होता था। यह सभी इंटरनेशनल पैसेंजर्स के लिए जरूरी था। इसमें वे अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी देते थे। ये पूरी प्रकिया एक ऑनलाइन पोर्टल पर होती थी। इसे बोर्डिंग से पहले भरना होता था। ये फॉर्म कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लाया गया था।

पैसेंजर के बचेंगे हजारों रुपए

एयर सुविधा फॉर्म में पैसेंजर को अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के बारे में बताना होता था और हाल में जहां यात्रा की हो, उसकी जानकारी भरनी होती थी। इसके अलावा इसमें वैक्सीन सर्टिफिकेट और नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट भी जमा करनी होती थी। इसी वजह से ये सब दस्तावेज बनाने के चक्कर में यात्रियों के हजारों रुपए खर्च हो जाते थे। ऐसे में सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम हवाई यात्रियों के लिए कुछ राहत भरा साबित होगा। हालांकि नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि हवाई यात्रा के दौरान मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य नहीं है, लेकिन यात्रियों को इसका उपयोग करना चाहिए। वहीं हवाई यात्रियों को अपने देश में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के मंजूर कार्यक्रम के अनुसार टीका लगवाना चाहिए।

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