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बीकानेर,राजस्थान में हुए सियासी उठा-पटक को एक महीने से ज्यादा बीत चुका है. अब फिर से मुख्यमंत्री को लेकर फैसला लेने पर बयानबाजी शुरू हो गई है. पायलट गुट के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि आलाकमान को जल्दी फैसला लेना चाहिए.इससे आलाकमान की विश्वनियता पर असर पड़ता है. वहीं, महेश जोशी, धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ को लेकर कहा कि आलाकमान को इन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए.

जयपुर. राजस्थान में भले ही 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक नहीं होने और विधायकों के इस्तीफों के बाद पायलट और गहलोत गुट के नेताओं के बीच बयानबाजी होने लगी. एआईसीसी को इस बयानबाजी को रोकने के लिए लिखित निर्देश जारी करने पड़े. अब इस घटना को एक महीने से ज्यादा समय बीत गया है. पायलट कैंप के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कारण बताओ नोटिस पाने वाले मंत्री महेश जोशी, मंत्री शांति धारीवाल और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को बर्खास्त करने की मांग की है.राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने एक-दो दिन में मुख्यमंत्री का फैसला करने के साथ ही आलाकमान ने मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ को नोटिस दिए थे.

अब 1 महीने से ऊपर का समय निकल चुका है. विधायक दल की बैठक बुलाई जानी थी, वह भी अब तक नहीं बुलाई गई. इससे कांग्रेस आलाकमान की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान ने जिन तीनों नेताओं को नोटिस दिए हैं, उन पर जल्द फैसला करना चाहिए. साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर भी जल्द निर्णय लेना चाहिए.

गुढ़ा का बड़ा बयान…गुजरात, हिमाचल में जीतना है तो तुरंत लें सख्त निर्णय : मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि चाहे नौकरशाही हो या मंत्री हर किसी में इस बात की चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान क्या निर्णय लेगा? ऐसे में अब आलाकमान को जो भी निर्णय लेना है वह तुरंत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अबकी बार आलाकमान को विधायक दल की बैठक दिल्ली में बुलानी चाहिए. नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे खुद पर्यवेक्षक के रूप में राजस्थान की घटना को देख चुके हैं. ऐसे में उन्हें जल्द फैसला लेकर संदेश देना चाहिए.

राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि पार्टी गुजरात और हिमाचल प्रदेश में अच्छी स्थिति में है. वहां चुनाव जीतना है तो पार्टी को तुरंत दिल्ली में विधायक दल की बैठक बुलाकर निर्णय लेना चाहिए, ताकि जो लोग दुविधा में हैं उनकी दुविधा दूर हो सके. जनता को भी फायदा मिल सके. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मेरे हिसाब से तो तीनों को बर्खास्त कर देना चाहिए. हालांकि, अंतिम निर्णय आलाकमान को लेना है. उन्होंने कहा कि अगर निर्णय मेरे हाथों में होता तो इन तीनों नेताओं को तुरंत बर्खास्त कर देता.

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