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बीकानेर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र बारां और झालावाड़ में हेलीकॉप्टर से निरीक्षण किया. साथ ही लोगों से नहीं घबराने की अपील भी की.

चंबल नदी  सहित सभी नदियां और बांधों में पानी की जबरदस्त आवक से जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया. लोगों को आश्रय स्थल में रखा तो गया लेकिन उन्हें वहां भी खाने-पीने की प्रोपर व्यवस्था नहीं की गई. चंबल नदी से भी करीब 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. चंबल के लो लाइन की करीब दो दर्जन से ज्यादा कॉलोनियां जलमग्न हो गई. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया. उन्होंने बारां और झालावाड़ एरिया में हेलीकॉप्टर से निरीक्षण किया.

राजे ने कहा कि दो दिन से चल रही भारी बारिश के कारण राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. चंबल नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर आ गया. राज्य सरकार को जल्द अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हित कर राहत व बचाव कार्य तेज करना चाहिए. झालावाड़ जिले के अकलेरा क्षेत्र में जो 14 लोग जलभराव वाले क्षेत्रों में फंसे हुए थे, उन्हें सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया. वसुंधरा राजे ने लोगों के साथ खड़े रहने की बात कहते हुए लोगों से अपील की है कि इस बाढ़ की विषम परिस्थिति में घबराए नहीं. करीब आधा दर्जन स्थानों पर लोगों के रुकने की व्यवस्था और खाने-पीने का इंतजाम किया गया है. साथ ही उन्होंने प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.

हाडौती में सेना ने भी शुरू किया बचाओ कार्य

हाड़ौती की बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना भी बचाओं कार्य में जुट गई है. मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश के बाद कालीसिंध नदी बीते कई दिनों से उफान पर थी. साथ ही बारां और झालावाड़ जिले में भी भारी बारिश हुई. इसके चलते नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है. परवन नदी भी कालीसिंध में मिल जाती है, तो ऐसे में इस नदी के उफान में काफी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. झालावाड़ स्थित कालीसिंध बांध से भी छह लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है. इसके चलते नदी में करीब 10 लाख क्यूसेक से ज्यादा का फ्लो चल रहा है जिससे बारां जिले के पलायथा गांव की निचली बस्तियों में पानी भर गया. जहां आवश्यकता हो रही है वहां सेना की मदद ली जा रही है.

ग्रामीण क्षेत्र में 10 हजार से भी अधिक लोग सीधे तोर पर प्रभावित

ग्रामीण क्षेत्र में जल भराव से सीधे तौर पर 10 हजार की आबादी प्रभावित है. ये कॉलोनियां लगातार तीसरे दिन भी पानी की जद में ही बने हुए हैं. इसी तरह से बारां जिले के सीसवाली कस्बे और पलायथा गांव के साथ कोटा जिले के इटावा में भी बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. मध्य प्रदेश और झालावाड़ और बारां जिले में भी लगातार हो रही है. बारिश के चलते नदियां उफान पर है.

सीसवाली में हालात विकट

नदी के किनारे पर स्थित बारां जिले के सीसवाली कस्बे में भी हालात विकट हो गया है. वहां बाढ़ जैसे हालात बने हुए है घरों में 5 से 7 फीट पानी प्रवेश कर गया है. नदी किनारे के हालात ज्यादा खराब हैं वहां पर पूरे मकान डूब गए हैं. लोग पूरी तरह से बाढ़ की जद में आ गए. दूसरी तरफ इटावा कस्बे में भी इसी तरह के हालात हो गए. कालीसिंध नदी से एक सहायक नदी सूखनी निकल पार्वती नदी में मिलती है. यह इटावा कस्बे में होकर गुजर रही है. ऐसे में इसका जलस्तर काफी बढ़ गया है. इटावा के बाजारों में भी नदी से 2 किलोमीटर दूर करीब 3 से 4 फीट पानी है.

कोटा में तीन दिन से नहीं आ रहा पीने पानी

कोटा शहर में पिछले तीन दिन से पानी नहीं आ रहा और अधिकारियों ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की है. ऐसे में लोग टैकरों से पानी की सप्लाई मंगवा रहे हैं. पीने के पानी का भी संकट खड़ा हो गया है जिसके लिये लोग पानी के कैंपर मंगवा रहे हैं. करीब 15 लाख की पूरी आबादी इससे प्रभावित है. कई लोग ऐसे हैं जिनके घरों पर पीने का पानी भी मौजूद नहीं है. दूसरी तरफ कोटा शहर में चंबल नदी के किनारे किलो लाइन की कई कॉलोनियों में पानी भरा हुआ है. इन इलाकों की सप्लाई निजी बिजली कंपनी कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने प्रशासन के निर्देश पर बंद कर दी है. इसके चलते करीब 2 हजार घरों में बिजली नहीं पहुंच रही है.

प्रभारी मंत्री लेंगे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा

जिले में बाढ़ के हालातों को जानने प्रभारी मंत्री परसादी लाल मीणा आज (Parsadi Lal Meena) और गुरुवार को कोटा के बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेंगे. परसादी लाल मीणा दौसा से कोटा के लिए शाम 6 बजे रवाना होंगे यहां पर रात्रि 9 बजे आकर सर्किट हाउस में विश्राम करेंगे. वहीं, गुरुवार को सुबह बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेकर समीक्षा बैठक लेंगे.

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