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जांच अधिकारी DSP रामगढ़ कमल मीणा ने सोमवार को भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा से 2 घंटे पूछताछ की. इस दौरान उनसे 57 प्रश्न पूछे गए. बाद में आहूजा ने कहा कि नोटिस मिलने के बाद डीएसपी कार्यालय आए थे.उन्होंने कहा मैंने कुछ गलत नहीं कहा और पुलिस के सवालों के जवाब दिए हैं.

अलवर. गोविंदगढ़ मॉब लिंचिंग मामले में विवादास्पद बयान देने वाले भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा से दोपहर करीब 1 बजे से पूछताछ शुरू हुई. शुक्रवार 19 अगस्त को चिरंजी लाल सैनी (Chiranji Lal Lynching case) के परिजनों से मिलने पहुंचे ज्ञानदेव ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बयान दिया था. आम बातचीत का उनका वीडियो पब्लिक डोमेन में आते ही सियासी हलचल मच गई थी फिर गोविंदगढ़ थाने में उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज हो गई (Ramgarh Police Interrogate BJP Leader). इस वीडियो में भड़काऊ भाषण के आरोप में फंसे आहूजा पुलिस के नोटिस पर रामगढ़ डीएसपी कार्यालय पहुंचे थे.

ज्ञानदेव बोले- अभी खुलासा नहीं करूंगा: भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा से जांच अधिकारी DSP रामगढ़ कमल मीणा ने 2 घंटे पूछताछ की. पुलिस ने वायरल वीडियो के संबंध में कई सवाल किए. इस दौरान 57 प्रश्न किए गए. बाद में ज्ञानदेव आहूजा ने कहा नोटिस मिलने के बाद पूछताछ के लिए आया था. मैंने कुछ गलत नहीं कहा और पुलिस के सवालों के जवाब दिए हैं. इस मामले में जब पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी। उसके बाद इस मामले पर बोलूंगा. उन्होंने कहा कि अभी जांच और पूछताछ का खुलासा नही कर सकता हूं.

निजी बातचीत की बनाई वीडियो: वायरल वीडियो को लेकर आहूजा ने स्पष्ट किया कि वो कभी भी मुस्लिम विरोधी नहीं रहे. वो सिर्फ अपराधी के खिलाफ रहे हैं. बीते 30 साल की राजनीति में वो सभी वर्ग के विधायक रहे हैं. यही कारण है कि उनके घर में भारी संख्या में क्षेत्र के मेव समुदाय के लोग अपनी फरियाद लेकर आते रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि जो वीडियो सामने आई है वो पूरी तरह से काट छांट करके बनाया गया है. करीब आधा घंटे वो आपसी बातचीत करते रहे. उस समय जो प्रसंग उठे उस पर लंबी बातचीत हुई. मैंने किसी पत्रकार को कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया. उक्त वीडियो गुपचुप तरीके से बनाकर षड्यंत्र के तहत काट छांट कर प्रस्तुत किया गया है. आहूजा ने दावा किया कि वहां बैठे षड्यंत्रकारियों का पर्दाफाश भाजपा कार्यकर्ताओं सहित पूरे क्षेत्र के लोगों के बीच हो चुका है.FSL रिपोर्ट के बाद चार्जशीट: इस संबंध में पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि ज्ञानदेव आहूजा को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. रामगढ़ में डिप्टी एसपी ने ज्ञानदेव आहूजा से पूछताछ की. एफएसएल टीम की रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में चार्जशीट पेश की जाएगी. वॉइस सैंपल लेने की आवश्यकता नहीं पड़ी क्योंकि ज्ञानदेव आहूजा के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर वीडियो मिल गए थे. इस मामले में सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

जयचंद के मंसूबे नहीं होंगे कामयाब: धरने के दौरान भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र कसाना ने वायरल वीडियो को लेकर दर्ज मामले पर आक्रोश जताया. उन्होंने कहा कि रामगढ़ के जुझारू नेता आहूजा की राजनीतिक हत्या का प्रयास जिस भी जयचंद ने किया है ऐसे जयचंद के मंसूबों को किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. भाजपा का कार्यकर्ता ये जान चुका है कि आपसी बातचीत को प्लानिंग के साथ षड्यंत्र रचकर विपक्षी नेताओं और पत्रकारों तक पहुंचाया गया है. हिंदुओं और उनके नेताओं के साथ षड्यंत्र रचे गए तो हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे.क्या है मामला: 14 अगस्त को जाति विशेष के लोगों ने चिरंजी लाल सैनी को ट्रैक्टर चोरी के शक में पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था. इस मॉब लिंचिंग की घटना ने तूल पकड़ा और पूरे देश में प्रदेश सरकार की किरकिरी हुई. भाजपा ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए. भाजपा की ओर से गठित तीन सदस्यीय जांच दल पीड़ित के परिजनों से मिलने पहुंचा था. उसके एक दिन बाद शुक्रवार को रामगढ़ के पूर्व विधायक और भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा परिजनों से मिलने पहुंचे थे. परिजनों से बातचीत के दौरान ज्ञानदेव आहूजा ने विवादित बयान दिया था. उस बयान के वीडियो को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया. इसके बाद इस वीडियो पर जमकर राजनीति हुई. पुलिस ने एक्शन लिया और आहूजा के खिलाफ FIR दर्ज की.

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