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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान बीकानेर एवं गीता भवन रामस्तंभ ऋषिकेश के संयुक्त तत्वाधान में “श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा वाचन “कथा स्थल गीताभवन रामस्तंम्भ मंच ऋषिकेश मे” बीकानेर के ओजस्वी कथावाचक बालसंत श्रीछैल बिहारी महाराज के मुखारविंद से भव्य श्रीमद् भागवत कथा वाचन किया जा रहा हे। तीसरे दिवस भागवत का पूजन वैदिक विधि विधान से “अकोला महाराष्ट्र के यजमान मालतीदेवी शोभादेवी,संगीता पारदासानी परिवार द्वारा करवाया गया। राजा दक्ष यज्ञ की कथा, भगवान विराट पुरुष एवं हिरण्याक्ष उद्धार की कथा तत्पश्चात भगवान कपिल द्वारा माता देवहुति को मन ओर इन्द्रियों को केसे जीते की कथा प्रसंग बतलाते हुवे बालसंत ने जितासनो,अष्टांग योग, सांख्य दर्शन, यम नियम, प्राणायाम, प्रत्याहार, समाधि संधि आदि की विस्तृत व्याख्या करते हुए बालसंत श्री छैल बिहारी जी महाराज ने कहा कि समस्त संसार भगवान की माया का चक्र है। ओर संसारिक जीवन मे जीवात्मा इंद्रियों के वशीभूत होकर जीवात्मा ‘लोभ, मोह, रागद्वेष, काम क्रोध अहंकार, आदि के फलस्वरूप मायाचक्र के बंधन मैं बंध जाता है ।। उपरोक्त मायावी संसार ओर विकारों को त्याग करने के लिए श्रीमद भागवत ओर हरीनाम का सुमिरन एवं परमात्मा की भक्ति ही जीवात्मा के जीवन को पार कराने की नौका बन सकती है।, इंद्रियों के वशीभूत जीवात्मा अनेक प्रकार की अनंत इच्छाओं की कामना करता है।ओर वही इच्छाएं जीव के दुखों का कारण बनती है,।इसलिए अनासक्त जीवन जीना ही व्यक्ति के दुखों से निजात दिलाने का मूल मंत्र है श्रीमद् भागवत कथा। बालसंत ने कहा कि माया रुपी संसार मे भटके हुए जीवों के जीवन में आए हुए असंतोष निवारण की मूल कुंजी है श्रीमद् भागवत कथा.. आध्यात्मिक रस वितरण की सार्वजनिक प्याऊ है श्रीमद् भागवत कथा। कथा संयोजक मनु जी महाराज ने बताया की गंगा तट के ऋषिकेश के पावन तीर्थ पर हो रही श्रीमद् भागवत कथा का रोजाना साधना यूट्यूब चैनल पर सायं 6:00 से 8:30 बजे तक प्रसारण किया जाता है। कथा समिति नितेश आसदेव, अनिल सविता पारीक राधेश्याम नागल सीमा पुरोहित सेवा प्रभार संभाले हुए है।।

 

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