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बीकानेर,अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की जिला शाखा गायत्री शक्तिपीठ पुरानी गिन्नानी बीकानेर में पांच दिवसीय महिला प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ केन्द्रीय प्रशिक्षण टोली द्वारा वेद मंत्रोच्चार से देवपूजन कर किया गया।

गायत्री परिवार ट्रस्ट प्रबंध ट्रस्टी पवन कुमार ओझा ने बताया कि युग निर्माण योजना शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा देशभर में महिलाओं के जागरूकता अभियान के अंतर्गत पाचं दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसी अभियान के तहत 21 से 25 अगस्त तक बीकानेर उपजोन स्तरीय पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षित महिलायें टोली बनाकर तहसील एवं ग्राम स्तर पर जाकर घर घर गायत्री यज्ञ के माध्यम से समाज में फैली भ्रामक कुरितियों बाल विवाह, खर्चिली शादियों, पर्दाप्रथा, अशिक्षा तथा लैंगिक जातिगत भेदभाव को दूर करते हुए जागरूकता अभियान चलायेगी।
गायत्री परिवार जिला समन्वयक करनीदान चौधरी ने बताया कि शांतिकुंज हरिद्वार की त्रिसदस्यी केन्द्रीय महिला टोली दीना त्रिवेदी के नेतृत्व में सीतांजली साहु एवं अनिता कावड़कर के साथ प्रतिभागी महिलाओं को पांच दिन तक योग-व्यायाम, गायत्री का आध्यात्मिक दर्शन, गायत्री जप-ध्यान में महिलाओं की भूमिका, महिला पुरोहित तैयार करने के लिए वैदिक मंत्रोच्चारण, दैनिक यज्ञ कर्मकांड, वाद्य यंत्र के साथ युग-गीत गायन तथा वादन का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
शिविर प्रभारी प्रमिला गंगल ने बताया कि शिविर में पचास महिलायें प्रतिभागिता निभा रही हैं। आज प्रथम दिन प्रथम उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि शिक्षाविद साहित्यकार कवियित्री अनुराधा पारीक ने संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति वैदिक काल से ही महिलाओं के लिए समृद्ध रही है। मध्यकाल में विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा महिलाओं पर विभिन्न प्रतिबंध लगाये गये थे। अब पुनः समय बदल रहा है और फिरसे नारी सशक्तिकरण के लिए काम किया जा रहा है।
केन्द्रीय टोली प्रभारी दीना त्रिवेदी ने गायत्री के आध्यात्मिक दर्शन विषय पर उद्बोधन देते हुए कहा कि गायत्री मंत्र कामधेनु है, कल्पवृक्ष है, जप तप ध्यान साधना से गायत्री से जीवन की दिशा तय की जा सकती है। गायत्री साधना में महिलाओं के संबंध में विभिन्न भ्रामक संशयों को दूर किया।
द्वितीय सत्र में सीतांजली साहु द्वारा वैदिक मंत्रो के उच्चारण को शुद्ध करने तथा दैनिक यज्ञ कर्मकांड का एक-एक मंत्र दोहरान के साथ सुगम प्रशिक्षण दिया गया।
तृतीय सत्र में गीत-संगीत का प्रशिक्षण अनिता कावड़कर द्वारा दिया गया। जिसमें नारी जागरण के युग गीत के सिखाये गये। संगीत वाद्य यंत्र में डफली बजाने का प्रशिक्षण दिया गया वहीं सांयकाल सत्र में संगीतमय दीप-यज्ञ एवं संस्कार विधि का प्रशिक्षण दिया गया।
इससे पूर्व शांतिकुंज हरिद्वार की केन्द्रीय टोली दीना त्रिवेदी, सीतांजली साहु, अनिता कावड़कर, जगन्नाथ भंज तथा मनोज रावनकर का प्रमिला गंगल, शोभा सारस्वत, सीमा सिंह, सरला चौधरी, देवीशरण शर्मा, रामकुमार चौहान, अमरसिंह वर्मा, देवेन्द्र सारस्वत तथा राधेश्याम नामा द्वारा तिलक एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में कुसुम वर्मा, माया औझा, भंवरी कंवर, बीना पुंजानी, राखी शर्मा, चन्द्रा औझा, राधा शर्मा, विश्वप्रसाद पारीक, प्रवीण तंवर, हरि सिंह गौड़, जगजीत सिंह तथा मुकेश व्यास ने सहयोग किया।

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