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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान बीकानेर एवं गीताभवन रामनाम स्तम्भ ऋषिकेश” के संयुक्त तत्वावधान में संयोजित श्रीमद्भागवत कथा का वाचन बालसंत श्रीछैल बिहारी महाराज द्वारा हो रहा है। कथा वाचन से पूर्व “अकोला महाराष्ट्र के यजमान मालती मनुमल पारदासानी ओर श्रीमति अनु कृष्णगोपाल अरोङा ने सपत्नीक भागवत एवं व्यास तिलक पूजन करवाया। दुसरे दिन की कथा का वाचन करते हुए बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने शिव द्वारा पार्वती को भागवत कथा श्रवण की कथा, तत्पश्चात भगवान सुखदेव का प्राकट्य की विस्तृतकथा, नारद संवाद,महाभारत की अंतिम घटनाओ के वर्णन के साथ परीक्षित का राज्याभिषेक का वर्णन और श्रृंगी शमिक मुनि आश्रम मे परीक्षित को श्राप लगने की कथा सुनाई। तत्पश्चात सुखदेव मुनि द्वारा राजर्षि परीक्षित को सात दिवसीय भागवत पुराण का श्रवण कराने के विभिन्न प्रसंग सुनाते हुए बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने कहा कि “भूलकर भी जीवन मे कभी संत महात्माओ गाय गीता व ब्राह्मण का अनादर नही करना चाहिए”। “क्योकि व्यक्ति को अपने द्वारा किये हर अच्छे बुरे कर्मो का फलभोग भोगना ही पङता है।” अतः हर जीव को मनुष्य रुपी दुर्लभ देह पाकर सदेव सत्कर्म करते रहना चाहिए। माया के वशीभूत होकर ओर क्षणिक सुखो के खातिर भोग विलासिता भरे जीवन का अभ्यास कर धीरे धीरे छोङना ही हम सबके लिए उचित मार्ग है।क्षणभंगुर भोगो से युक्त जीवन ही जीव को अधोगति का भागी बनाता है। दुर्लभ मनुष्ययोनि से सदेव सत्कार्य करने चाहिये।ओर हर जीव द्वारा किया गया सत्कार्य ही आपको परमात्मा की कृपा आश्रय प्राप्त करवाने का सामर्थ्य देगा। कथा प्रभारी प्रभारी अनिल पारीक ने बताया कि कथा सेवा समिति मे सीमा पुरोहित,अनिल सविता पारीक, राधेश्याम नागल,नितेश आसदेव आदि अपनी सेवा दे रहे है।

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