बीकानेर, महान गो भक्तों एवं दानी समाज सेवा के स्तंभ थे जगदीश प्रसाद पारीक: बालसंत श्री छैलबिहारी महाराज जीव द्वारा किए गए पुण्य सेवा कार्य ही साथ जाते हैं वही जीव के नाम को बनाते हैं अमर:- बाल संत श्री छैल बिहारी जी महाराज मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान के तत्वाधान में आज बाल संत श्री छैल बिहारी जी महाराज व मनु जी महाराज के सानिध्य में श्रद्धांजलि पर प्रवचन माला एवं शेखावटी के राणीसती डांढन ग्राम मे प्रसिद्ध ( समाजसेवी उद्योगपति धर्म परायण जगदीश प्रसाद पारीक) हैतु समस्त ग्राम व परीजनो सहित श्रद्धांजलि अर्पित की गई । श्रद्धांजलि अवसर पर संस्थान के संरक्षक हरिकिशन नागल सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य देव किशन गैपाल एवं राजेंद्र कुमार छड़िया भी शामिल हुए।। उपरोक्त अवसर पर संपूर्ण ढांढन गांव के समाजसेवी एवं प्रबुद्ध जनों द्वारा जगदीश प्रसाद जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिसमें परिवार के जेष्ठ पुत्र नंद किशोर पारीक कन्हैया लाल पारीक के साथ लक्ष्मी नारायण पारीक जगन्नाथ वैभव पारीक उद्योगपति मोहन पारीक एवं गांव के प्रबुद्ध समाज सेवी सीताराम पारीक ,रमेश पारीक, मोहन व्यास कन्हेया लाल पारीक श्रद्धांजलि समारोह में सम्मिलित हुए। उपरोक्त अवसर पर बालसंत श्री छैलविहारी जी महाराज ने प्रवचन करते हुए का जब तक हमारे पास में कोई वस्तु है, तब तक उसका मोल पता नहीं होता, लेकिन वही वस्तु जब हम से खो जाती है तो जीवन में उसकी वास्तविक कीमत का भान होता है,, ऐसे ही जीवन में हमारे मार्गदर्शक होते हैं हमारे बुजुर्ग जब तक जीवित हैं तब तक हम उनकी मेहता नहीं समझते हैं लेकिन जब वह 1 दिन इस संसार को छोड़कर चले जाते हैं तब हमें उनके रहने या ना रहने के अंतर का ज्ञान हो पाता है। अतः जीवन में सदैव परमार्थिक एवं सतकार्यों हेतु प्रत्येक जीव सदेव जगदीश प्रसाद पारीक जी की तरह बड़े दिल एवं समाजसेवा वाला बनकर अगर संसार छोड़कर जाता है। तो जीव का संसार में आना सार्थक माना जाता है। क्योंकि जगदीश प्रसाद जी पारीक ने अपने जीवन काल में अनेक प्रकार के सेवा कार्य जिनमें कन्या विवाह, धर्मशाला निर्माण, स्कुलो मे कमरे मन्दिर निर्माण,,एवं बस स्टॉप का निर्माण कार्य, एवं अनेकों संतों की कथाएं एवं सत्संग जीवन पर्यंत करवाते रहे।।और सदैव संतों के सानिध्य में प्रत्येक वर्ष कहीं से भी आए हुए किसी भी प्रकार के साधु-संत से के मान सम्मान में किसी प्रकार की आवभगत में कमी नहीं रखी। ऐसे प्रमुख उद्योगपति धर्म विभूति संत श्री जगदीश प्रसाद जी पारीक को सभी गांव वासियों ने हरि नाम संकीर्तन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई बाल संत जी ने कहा की संपूर्ण सीकर जिले के लिए एक समाजसेवी के रूप में जगदीश प्रसाद जी का संसार से जाना अपूरणीय क्षति माना गया है जगदीश प्रसाद जी पारीक का जन्म गांव उदाहरण में हुआ वर्तमान में बीकानेर की तहसील लूणकरणसर में उन्होंने उद्योग धंधे स्थापित कर विभिन्न प्रकार की समाज सेवाएँ करके समाज में अपना एक नाम बनाया है
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