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बीकानेर। श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ श्री संघ के तत्वावधान में चातुर्मार्सिक प्रवचन शृंखला निरंतर जारी है। साध्वी सौम्यप्रभा, साध्वी सौम्यदर्शना, साध्वी अक्षयदर्शना तथा साध्वी परमदर्शना के सान्निध्य में सुबह नौ से दस बजे तक रोजाना एक घंटे प्रवचन व तप व स्वाध्याय के आयोजन प्रतिदिन किए जा रहे हैं। बुधवार को साध्वी सौम्यदर्शना ने कहा कि तीर्थंकरों के जीवन चरित्र सुनने से भाव परिवर्तन होता है। पूर्व संचित कर्मों का नाश हो जाता है। साध्वीश्री ने कहा कि सूर्योदय के साथ जगने से भाग्योदय होता है। देर रात तक जगना और देरी से उठना हमारी जीवनशैली को बिगाड़ता है तथा हमारे भाग्य भी कमजोर होते हैं। हमारे नाम के अनुरूप हमारी पहचान बने। साध्वी सौम्यदर्शना ने कहा कि घर पर आए अतिथि, साधर्मिक व्यक्ति या कोई भी साधु-संत आए तो उसे खाली हाथ न भेजें, उसका सत्कार करें। वे हमें पुण्य देकर जाते हैं, हमारे भाग्य के दरवाजे खोलते हैं। आज की संघपूजा का लाभ पूनमचंद कमलचंद कोचर परिवार द्वारा लिया गया।

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