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बीकानेर,देश में इस समय कई राज्यों में सरकारों का तख्तापलट (Rajasthan) जारी है. मध्य प्रदेश, कर्नाटक के बाद अब महाराष्ट्र में सरकार बदल गई है.ढाई साल तक महाराष्ट्र में MVA की सरकार चलाने वाले उद्धव ठाकरे को एक ही झटके में उनके सबसे करीबी नेता एकनाथ शिंदे ने सत्ता से बाहर कर दिया. महाराष्ट्र में MVA की सरकार गिरने को लेकर विभिन्न पार्टियां भाजपा पर निशाना साध रही हैं. इसी कड़ी में अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने भी टिप्पणी की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त (हॉर्स ट्रेडिंग) से चुनी हुई सरकारों को गिराए जाने पर चिंता जताते हुए कहा, “2020 के राजनीतिक संकट में अगर उनकी सरकार किसी तरह नहीं बचती तो राजस्थान में आज कोई और ही मुख्यमंत्री होता.”

बता दें, बीते राजधानी जयपुर (Jaipur) में देश भर के विधिक सेवा प्राधिकरणों के सम्मेलन का आयोजन किया गया है. शनिवार को इस सम्मेलन का उद्घाटन करने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे थे. जब वह उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे तो मंच पर केंद्रीय विधि मंत्री किरण रिजीजू, देश के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण भी मौजूद थे. मंच से अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के हालात पर चिंता जताते हुए कहा, आज देश के हालात बहुत गंभीर हैं, देश में सरकारें बदल रही हैं. गोवा, मणिपुर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सरकारें बदल गईं. उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में अभी एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन गए हैं. बताइए आप यह क्या तमाशा है? क्या अभी देश में लोकतंत्र है?

मेरी सरकार पता नहीं कैसे बच गई?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, कैसे रहेगा लोकतंत्र? अगर चुनी हुई सरकारें हॉर्स ट्रेडिंग से बदली जाएंगी. ये तो मेरी सरकार पता नहीं कैसे बच गई. इस पर भी आश्चर्य हो रहा है. वरना आपके सामने मैं खड़ा नहीं होता. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंच पर आसीन केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू की ओर इशारा करते हुए कहा कि, तब रिजीजू जी को यहां कोई दूसरा मुख्यमंत्री मिलता. मैं समझता हूं कि स्थिति नाजुक है, हमें उसको देखना पड़ेगा.

गहलोत बोले- देश में तनाव व हिंसा का माहौल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में तनाव व हिंसा का माहौल चिंता पैदा करने वाला है और यह चिंता खत्म होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे आकर लोगों से शांति व सद्भाव बनाए रखने की अपील करनी चाहिए. अशोक गहलोत ने मंच पर आसीन केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू से कहा कि वे उनकी इस भावना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुचाएं.

सचिन पायलट के विद्रोह से संकट में आई थी सरकार
बता दें कि, साल 2020 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व में कुछ विधायकों के विद्रोह के कारण अशोक गहलोत की सरकार संकट में आ गई थी. हालांकि, पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद संकट टल गया. अशोक गहलोत की सरकार बच गई थी. हालांकि सचिन पायलट ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. तब से वह गहलोत की सरकार में नहीं हैं.

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