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जयपुर। उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल कांड पुलिस के फेलियर होने का नतीजा था। राजस्थान इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक करौली घटना और नूपुर शर्मा के बयान के बाद प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने की आशंका को लेकर सात बार अलर्ट जारी किए गए।

इनमें एक अलर्ट 20 जून व 21 जून की मध्य रात्रि को जारी किया गया, जो केवल उदयपुर के लिए किया गया था। उदयपुर में 20 जून को एक जुलूस निकाला गया था, जिसमें सर तन से जुदा सहित कई भडकाऊ नारे लगाए गए थे। इसे देखते हुए उदयपुर में विशेष सतर्कता बरने का अलर्ट जारी किया गया था। लेकिन उदयपुर पुलिस ने अलर्ट को गंभीरता से नहीं लिया और 28 जून को कन्हैयालाल की हत्या हो गई।

सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश में जारी अलर्ट में यहां तक बताया गया कि धार्मिक उन्माद फैलाने वाले सक्रिय हैं और सोशल मीडिया पर भी एक दूसरे के खिलाफ भडकाऊ मैसेज भेजे जा रहे हैं। उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद पूरे राजस्थान में अलर्ट जारी है।

लैपटॉप व मोबाइल में मिले अहम सबूत

कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच कर रही एनआइए ने बताया कि गिरफ्तार और संदिग्ध आरोपियों के मोबाइल व लैपटॉप में काफी सूबत मिले हैं। यह सबूत आरोपियों को सजा दिलाने में मददगार साबित होंगे। एनआइए मुख्य आरोपी रियाज और गौस सहित तीन लोगों से जयपुर एसओजी-एटीएस मुख्यालय में पूछताछ कर रही है। जबकि अन्य गिरफ्तार आरोपियों को जेल भिजवा दिया गया है।

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