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बीकानेर,बाबा बर्फानी के दर्शन करने गया बीकानेर के पंाच श्रद्धालूओं का जत्था बिना दर्शन करने ही लौट आया। जत्थे में शामिल श्रद्धालूओं ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने की आपदा के बाद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हे वापस लौटा दिया। श्रद्धालूओं ने बताया हम लोग शेषनाग तक दुर्गम यात्रा तय कर चुके थे। अमरनाथ यात्रा के एक केंप में बादल फटने से कुछ श्रद्धालुओं की मौत के बाद सेना ने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को वापस रवाना कर दिया। अब श्रद्धालूओं को इसका मलाल है कि वो बाबा बफार्नी के दर्शन नहीं कर सके। पांच श्रद्धालुओं ने बताया कि हम कई दुर्गम रास्तों को पार करते हुए शेषनाग पहुंच गये। जिस रात शेषनाग पहुंचे, वहीं सुबह उठते ही हादसे की जानकारी दी गई। बताया गया कि बादल फटने से कुछ लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद भी दल आगे जाने के लिए तैयार था, लेकिन सेना ने रोक दिया। हम लोग आगे जाने के लिए दो दिन तक शेषनाग में ही रुके रहे। सेना ने खतरा बताते हुए वहीं से वापसी का दबाव बनाया। आखिरकार हमें वापस लौटना पड़ा। इसके बाद हम पहलगाम पहुंचे, जहां से सीआरपीएफ के कैंप में पहुंचे। यहां से आगे की यात्रा सेना के सुरक्षा घेरे में ही रहे। हादसे की सूचना के बाद भी सेना के जवानों ने हौंसला बनाए रखा। पहले तो उम्मीद थी कि आगे बढऩे का अवसर मिलेगा, लेकिन बाद में आला अधिकारियों ने मना कर दिया। बाबा बर्फानी के प्रति अटूट श्रद्धा के चलते हमने सैन्य अधिकारियों से बार बार आग्रह किया कि उन्हें आगे जाने दें लेकिन मना कर दिया। बार बार हो रही बारिश ने भी आगे जाने का अवसर नहीं दिया। श्रद्धालूओ के जत्थे में कमल नारायण आचार्य, महेंद्र मोहन व्यास, शिवजी मुल्लू, संतोष मेहरा और महेंद्र सिंह राठौड़ शामिल थे। वापसी के बाद भी इनका हौंसला कायम है। अगली बार फिर से अमरनाथ यात्रा पर जाने संकल्प है।

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