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बीकानेर,पहले घर से भाग कर शादी की। परिवार वालों से जान-माल का खतरा बताकर पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई। प्यार पाने के लिए सैकड़ों दुख सहे और परिवार वालों से लड़े। वो नव जोड़े अब एक-दूसरे से अलग होने के लिए लड़ रहे हैं। इस बार पुलिस के पास सुरक्षा के लिए नहीं अलग-अलग कराने की गुहार लगा रहे हैं। अलग होने वालों में अधिकतर लव मैरिज वाले युवक-युवतियां हैं। पड़ताल में सामने आया कि पति-पत्नी के बीच मोबाइल फोन झगड़े की वजह बन रहा है। पत्नी की फेसबुक और व्हाट्सएप पर व्यस्तता पति को नागवार गुजर रही है। इतना ही नहीं पत्नी की बाजार घुमाने ले जाने, होटल में खाना खिलाने एवं शॉपिंग कराने की बढ़ती डिमांड अलगाव की सबसे बड़ी वजह बन रही है। यह बातें घर तक ही सीमित नहीं है, शिकायतें थाने तक पहुंच रही हैं। पिछले पांच महीने में बीकानेर के महिला थाने में पति-पत्नी के झगड़ों के 135 मामले पहुंचे हैं। 50 फीसदी में पुलिस समझौता कराकर दंपती को जैसे-तैसे एक करा चुकी हैं। दस फीसदी में काउंसिलिंग चल रही है। एक मामले में पत्नी ने यहां तक कह दिया कि वह पति को छोड़ सकती है, लेकिन मोबाइल को नहीं। वहीं एक अन्य मामले में पत्नी कहती है कि जब होलट में खाना नहीं खिला सकते, शॉपिंग नहीं करा सकते तो शादी की ही क्यों।

केस एक :- कोटगेट थाना क्षेत्र की रहने वाली सविता (बदला हुआ नाम) की शादी पांच दिसंबर, 2020 को संजय से हुई। शादी के बाद कुछ समय तक ठीक-ठाक रहा लेकिन बाद में पति-पत्नी के बीच झगड़े होने लगे। 20 जुलाई 2021 को मामला महिला थाने में आया। युवती की शिकायत है कि पति शराब पीता है। दहेज की मांग की जाती है।

केस दो :- गंगाशहर थाना क्षेत्र निवासी पल्लवी (बदला हुआ नाम) ने 29 दिसंबर, 2020 को धर्मवीर से लव मैरिज की। शादी के बाद आपसी मनमुटाव होने लगा। ससुराल पक्ष के लोग दहेज की मांग करने लगे। पति मारपीट करने लगा। इतना ही नहीं पति के भाई भी बदसलूकी करते। 24 नवंबर, 2021 को मामला महिला थाने में दर्ज हो गया।
काउंसिलिंग में आ रहे ऐसे-ऐसे कारण

महिला थाने में काउंसिलिंग कराने वाली उपनिरीक्षक पिंकी गंगवाल बताती हैं कि छोटी-छोटी बातें बड़े झगड़े का कारण बन रही हैं। लड़का व लड़की अपने अधिकारों की बातें करते हैं लेकिन अपनी-अपनी जिम्मेदारी व कर्त्वय नहीं निभाते। दो में एक पक्ष अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभाता है तो झगड़े शुरू हो जाते हैं।

एकल परिवार हो गए हैं। माता-पिता के साथ रहना पसंद नहीं कर रहे हैं। लड़कियां छोटी-छोटी बातों को अपने माता-पिता को बता रही हैं, जिससे उनके माता-पिता का हस्तक्षेप भी काफी बढ़ा है। माता-पिता समझाने की जगह शह दे रहे हैं।
लड़कियां खुलापन चाह रही हैं। पति पर दबाव बनाती हैं कि उन्हें बाहर घुमाएं, खुलापन प्रदान करें। पत्नी जो चाहती है, उसके शौक पूरा करने के लिए पति की आय नहीं होती है। पति से झगड़ा होने लगता है।

मोबाइल झगड़े का प्रमुख कारण बना है। इससे दोनों के बीच अविश्वास बढ़ा है। एक बार अविश्वास बढ़ने पर झगड़े बढ़ना शुरू हो जाते हैं, जो बड़ा रूप ले लेते हैं।

एक नजर में साल दर्ज मामले समझौता

2019 260 78,2020 173 54,2021 239 69,2022 135 27

इनका कहना है…

पिछले तीन साल में थाने में 807 मामले दर्ज हुए, जिसमें से पुलिस ने प्रयास कर 228 घरों को टुटने से बचाया। 579 में से कइयों में मामला दर्ज है, कइयों में काउंसिलिंग चल रही है। पिछले दो-तीन सालों में लव-मैरिज करने के बाद पति-पत्नी थाने पहुंचने के मामलों में इजाफा हो रहा है। यह िस्थति एकल परिवार बढ़ने और संयुक्त परिवार टूटने से बनी है।
सुरेन्द्र प्रजापत, थानाधिकारी महिला थाना

इनका कहना है…लव-मैरिज वाले रिश्ते में परिवार और समाज का कोई दबाव नहीं होता है। कच्ची उम्र के कारण छोटी-छोटी बातों पर होने वाले विवाद के कारण घर टूट रहे हैं। चूंकि इन्हें समझाने वाला कोई नहीं होता। न्याय प्रक्रिया में कुछ ऐसा बदलाव आवश्यक है जिससे घर व समाज टूटने की प्रक्रिया को रोका जा सके। न्यायालय समाज को बांधने की प्रक्रिया है। शैलेश गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता

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