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बीकानेर,राजस्थान के पहले और भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र में प्रतिष्ठा प्राप्त स्वामी केशवानंद कृषि विवि की साख मिट्टी में मिल गई है। विवि की बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में जो कुछ हुआ वो देश में कृषि शिक्षा जगत में एक बदनुमा दाग बन गया। आईसीएआर से बोम की सदस्य डा. सीमा जग्गी सहायक महानिदेशक ( मानव संसाधन) के आखों के सामने हुई बॉम की बैठक ने विवि की 35 साल की साख को धूल में मिला दिया। केवल आईसीएआर ही नहीं देश के कई कृषि विवि में बीकानेर कृषि विवि की बॉम और कुलपति डा. आर.पी. सिंह सुर्खियों में है। बैठक के बाद संभागीय आयुक्त डा. नीरज के पवन ने प्रमुख शासन सचिव कृषि को कुलपति के खिलाफ अनियमितता, पद का दुरुपयोग और अमर्यादित व्यवहार की जांच करवाने के लिए लिखा है । यह सुर्खिया राजस्थान सरकार और कुलाधिपति की कार्य प्रणाली पर काला धब्बा है। बेशक इस मामले में सरकार निकम्मी सिद्ध हुई है। स्वामी केशवानंद कृषि विवि के कुल सचिव की ओर से राज्य सरकार और कुलाधिपति को जितनी शिकायते और रिपोर्टें भेजी गई है उनमें से किसी एक पर भी नोटिस नहीं लिया गया। कुलपति के खिलाफ अनियमितता व पद के दुरुपयोग की शिकायतें खुद राज्य सरकार के नुमाइंदे रजिस्ट्रार ने की है। इन शिकायतों पर राजस्थान सरकार और राज्यपाल के स्तर पर कुछ नहीं हुआ। उल्टा कुलपति के कारनामें बढ़ते ही गए। उनके खिलाफ बोलने वालों को दंडित किया गया। कुलपति ने विद्यार्थियों, कृषि शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों और जनता में पद की प्रतिष्ठा खो दी है। स्वामी केशवानंद कृषि के कुलपति देश व राज्य के कुलपतियों के बीच कुलाधिपति और राज्य सरकार के नियमों को ताक पर रखकर कृषि शिक्षा जगत में हंसी के पात्र बन हुए हैं। हाल ही में कुलपति की ओर से आयोजित बॉम की बैठक में नियम विरुद्ध भर्ती करवाने,कुलपति चयन समिति में चहेते नाम भेजने के लिए टेबल एजेंडा रखने, बैठक अनिर्णीत समाप्त होने के बावजूद निर्णीत बताकर कार्रवाई रिपोर्ट जारी करने की हिमाकत कर दी। बॉम के सदस्य विधायक, विषय विशेषज्ञ, राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि और आईसीएआर के प्रतिनिधियों के बैठक में जब कुलपति के कारनामे ध्यान में आए तो चहुं ओर थू थू हुई। इस बदनुमे दाग से राजस्थान की सरकार और राज्यपाल भी नहीं बचेंगे। जांच हो जाने दो और रिपोर्ट आने दो। बदनामी की आंच दूर तक जाएगी।

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