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बीकानेर महापौर सुशीला कंवर और आयुक्त विवाद में रोज नये और रोचक मोड़ नजर आ रहे हैं। महापौर और निगम आयुक्त पिछले 2 दिन से जयपुर अधिकारियों के सामने अपना अपना पक्ष रख रहे हैं। ताजा प्रकरण में निगम आयुक्त गोपाल बिरदा की आज भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया से मुलाकात ने सब को चौंका दिया । कल तक महापौर को कोसने वाले और मंत्री की शह में महापौर के आदेशों को निरस्त कर नियमविरुद्ध साधारण सभा की बैठक बुलाने वाले आयुक्त आज पूनिया के आगे महापौर से समझौते की गुहार लगाते नजर आए । साथ ही पूनिया के सामने मंत्री और सरकार के दबाव में किए कामों की माफी भी मांगी।

जानकारों का मानना है की आयुक्त द्वारा की गई असंवैधानिक साधारण सभा की बैठक और मुख्यतः प्रशासन शहरों के संग अभियान के आंकड़ों में की गई गड़बड़ी बड़ा कारण है जिससे उन पर बड़ी कार्यवाही हो सकती है।आयुक्त ने इन 2 दिन में डीएलबी निदेशक, प्रमुख शासन सचिव और मुख्य सचिव से भी मिलकर अपना पक्ष रखने की कोशिश की लेकिन तीनों ही जगह मिली फटकार से निराश आयुक्त के पास सतीश पूनिया ही एकमात्र विकल्प है जो महापौर से समझौता करवा कर आयुक्त को बड़ी कार्यवाही से बचा सकता है ।
महापौर, भाजपा पार्षदों तथा नेता प्रतिपक्ष समेत विपक्ष के बड़ी संख्या में पार्षद इस बात को लेकर अडिग हैं की 27 मई को हुई असंवैधानिक बैठक निरस्त हो और आयुक्त द्वारा दी गई धमकियों और अभियान के आंकड़ों में की गई गड़बड़ी पर तत्काल कार्यवाही हो। ऐसा पहली बार हुआ है की सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष भी एक मुद्दे पर साथ नजर आए।

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