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बीकानेर, राजस्थान- सरकार के अधीन हर विभाग के कर्मचारी चाहे किसी भी संवर्ग से क्यू न हो किन्तु राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सक्रियता,जागरूकता के कारण समय पर पदोन्नति का लाभ ले रहा है किंतु एक विभाग ऐसा भी है जिसने इंदिरा गांधी नहर विभाग में अरबो रुपये खर्च के बाद भी एक सजग वित्तीय प्रहरी की भूमिका निभाते हुवे कभी वित्तीय अनियमितता नही होने दी । अपने प्रारम्भ 1960 से लेकर 2017 तक मुख्य लेखाधिकारी(प्री-चेक )इंदिरा गांधी नहर परियोजना,बीकानेर के रूप में और वर्तमान में ECS शुरू होने के बाद मुख्य लेखाधिकारी(निरीक्षण) के रूप में,किन्तु उच्च अधिकारियों की उदासीनता,तथा कमजोर निर्णय के कारण इस विभाग के कर्मचारी लगातार 3 वित्तीय वर्ष से सहायक प्रशासनिक अधिकारी से अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी की पदोन्नति से वंचित हो रहे है । जिससे इस संगठन के कर्मचारियों में सरकार के प्रति भारी रोष है । तथा कुछ एक कर्मचारी अदालत की भी शरण ले चुके है । यहाँ में यह उल्लेख करना भी उचित समझूंगा की अशोक गहलोत के 2008 से 2013 के कार्यकाल में जब वर्तमान शिक्षा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला को 13 वे वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया उस समय उन्होनें सरकार को सौपी अपनी रिपोर्ट में सरकारी खर्च पर अंकुश एवं कुशल वित्तीय प्रबंधन के लिए तत्कालीन कार्यालय मुख्य लेखाधिकारी(pri-चेक) इंदिरा गांधी नहर विभाग ,बीकानेर की भांति पँचायत समिति,स्वायत शासन विभाग के अधीनस्थ विभिन कार्यालय में pri-चैक ऑफिस खोलने की अनुशंसा की किन्तु प्रभावी वितीय प्रबंधन करने वाले विभाग को ही अगली सरकार ने खत्म कर दिया,वर्तमान में सरकार में बैठे उच्च अधिकारियों के आधे अधूरे निर्णय BFC में ऊक्त कार्यालय की मर्जिंग कार्यालय मुख्य अभियंता ,इंदिरा गांधी नहर विभाग में करने के कारण आज तक न तो ऊक्त विभाग में विलय हो सका और न ही इस संगठन के कर्मचारियों को पदोन्नति मिल सकी । चूंकि इस पत्र के माध्यम से मै यह बताना भी उचित समझूंगा की जल संशाधन विभाग राजस्थान में पिछले कई सालों से जल संशाधन विभाग के अधीन विभिन्न कार्यलय के अलावा मुख्य अभियंता,इंदिरा गांधी नहर विभाग,मुख्य अभियंता सिंचित क्षेत्र विकास विभाग के कर्मचारी सहायक प्रशासनिक अधिकारी की वरिष्ठता का निर्धारण जल संशाधन विभाग में होता है,जिसके फलस्वरूप इन विभागों के कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ जल्दी जल्दी मिल रहा है,किंतु नहर विभाग में कुशल वित्तीय प्रबंधन,वित्तीय प्रहरी की अच्छी भूमिका के बाद भी तथा नहर विभाग का अभिन्न अंग होने के बावजूद भी इस संगठन का कर्मचारी ऊक्त ऊपर वर्णित विभाग के कर्मचारियों से बहुत ज्यादा वरिष्ठ होने के बावजूद सहायक प्रशासनिक अधिकारी से आगे नही बढ़ पा रहे है,जबकि ऊक्त विभागों के कर्मचारी आज संस्थापन अधिकारी,प्रशासनिक अधिकारी,अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के पदों पर सुशोभित हो रहे है । मै इस पत्र के माध्यम से राजस्थान के मुख्यमंत्री  तथा सक्षम उच्च अधिकारी गणों से निवेदन करना चाहूंगा कि इस विभाग के कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके निश्चित स्थान पर समायोजित करते हुवे इस विभाग को अब तक कि भांति स्वतंत्र ऑडिट के आदेश फरमावे ताकि इस संगठन के कर्मचारी और अधिक उत्साहित होकर अपने निरीक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम दे सके ।

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