बीकानेर, संभाग के समस्त राजकीय एवं निजी विद्यालय, महाविद्यालय, अस्पताल तथा समस्त सरकारी व निजी कार्यालय परिसरों को तंबाकू मुक्त परिसर बनाया जाएगा। शिक्षण व स्वास्थ्य संस्थानों के 100 गज परिधि में तंबाकू उत्पादों के विक्रय तथा परिसर में तंबाकू का उपयोग पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने सोमवार को राज्य सरकार के तंबाकू मुक्त राजस्थान अभियान की 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत आयोजित संभाग स्तरीय कार्यशाला के दौरान यह निर्देश दिए। कार्यालय संयुक्त निदेशक बीकानेर जोन तथा सामाजिक संस्था एसआरकेपीएस के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला मे संभागीय आयुक्त ने बताया की संभाग स्तर पर संचालित नवाचार “मन्सा” यानी कि मिशन अगेंस्ट नारकोटिक्स सब्सटेंस एब्यूज का उद्देश्य भी तभी पूरा होगा जब बीकानेर संभाग तंबाकू मुक्त होगा।
उन्होंने कहा कि संबंधित जिले के शिक्षा व विभाग के अधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि समस्त स्कूल, तंबाकू मुक्त परिसर बने। इसी प्रकार उप स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल कॉलेज तक, कोई भी तंबाकू का उपयोग नहीं करें। उन्होंने संभाग के सभी सरकारी कार्यालयों में इसकी पालना सुनिश्चित करवाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
*प्रति माह मनाएंगे ‘नो तंबाकू डे’*
संभागीय आयुक्त ने कहा कि संभाग के चारों जिलों में प्रतिमाह एक दिन ‘नो तंबाकू डे’ के रूप में मनाया जाए। इसके लिए तंबाकू उत्पाद विक्रेताओं को इस दिन किसी भी उत्पाद का विक्रय नहीं करने के लिए प्रेरित किया जाए। साथ ही इस दिन कोई भी तंबाकू उत्पादों का उपयोग भी नहीं करें। इसके लिए जागरूकता की गतिविधियां भी की जाएं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर तथा नियम विरुद्ध तंबाकू उत्पादों का उपयोग करने वालों के खिलाफ चालान काटे जाएं। संभाग के चारों जिलों में सर्वाधिक चालान करने वाले अधिकारी को संभाग स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोटपा एक्ट की धारा 7 के अंतर्गत खुली सिगरेट बेचना भी अपराध है। उन्होंने प्रत्येक सक्षम अधिकारी की गाड़ी में एक चालान बुक रखवाने के निर्देश संबंधित सीएमएचओ को दिए ताकि कोटपा एक्ट के अंतर्गत चालानिंग की दर बढ़ सके।
*डेयरी बूथ पर तंबाकू उत्पाद मिले, तो रद्द होगा लाइसेंस*
संभागीय आयुक्त ने कहा कि रोडवेज बस स्टैंड, डेयरी बूथ पर किसी भी स्थिति में तंबाकू उत्पादों का विक्रय नहीं हो। इसके लिए समय-समय पर औचक निरीक्षण किए जाएं। यदि डेयरी बूथ पर तंबाकू उत्पादों का विक्रय पाया जाता है, तो इसका लाइसेंस अविलंब रद्द कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि स्कूलों की प्रार्थना सभाओं में विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में भी बताएं।
इससे पहले विभाग के संयुक्त निदेशक तथा तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एस.एन. धौलपुरिया ने सौ दिवसीय कार्य योजना के बारे में बताया तथा कहा कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप प्रत्येक जिले में इन गतिविधियों का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। एसआरकेपीएस के सचिव राजन चौधरी ने सरकार स्तर पर एडवोकेसी द्वारा तंबाकू व्यापार को मदिरा व्यापार की तरह लाइसेंसिंग के अंतर्गत लाने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि आने वाले कुछ वर्षों में सामान्य दुकानों से तंबाकू की उपलब्धता समाप्त हो सके।
*वायरल हेपेटाइटिस रोग की प्राथमिकता से होगी स्क्रीनिंग*
वायरल हेपिटाइटिस बी नियंत्रण कार्यक्रम की नेशनल नोडल अधिकारी डॉ. संध्या काबरा द्वारा वायरल हेपेटाइटिस बी व सी रोग की स्क्रीनिंग प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने पीपीटी द्वारा संभाग के चारों जिलों में हो रहे कार्यों वह मेडिकल कॉलेज स्तर पर जारी गतिविधियों की समीक्षा की। कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ एसएन धौलपुरिया ने वायरल हेपेटाइटिस कार्यक्रम को प्रथम पंक्ति पर लाने के निर्देश दिए।
चुरू जिले से भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी डॉ धीरज सिंह बतौर अतिथि मौजूद रहे।
इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी, उपनिदेशक डॉ. राहुल हर्ष, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर डॉ. बी. एल. मीणा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी चूरू डॉ. मनोज शर्मा, डिप्टी सीएमएचओ डॉ लोकेश गुप्ता, आरसीएचओ डॉ राजेश कुमार गुप्ता, सभी ब्लॉक सीएमओ, तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के रविंद्र प्रताप आदि उपस्थित रहे। कार्यशाला का संचालन आईईसी कोऑर्डिनेटर मालकोश आचार्य ने किया।