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आपके पास घर-दफ्तर में अगर ​बिना हिसाब-किताब वाला बहुत ज्यादा कैश है, या बैंक खाते में बहुत ज्यादा पैसा है और आप इसका स्रोत नहीं बता पाते हैं तो इनकम टैक्स विभाग आपसे इस पर 84 फीसदी तक का भारी टैक्स वसूल सकता है. बेहिसाब कैश के बारे में इनकम टैक्स के एसेसिंग ऑफिसर पता लगा सकते हैं या कई बार खुद वह व्यक्ति ही इसकी जानकारी अपने आयकर रिटर्न में देता है जिसके पास कैश होता है. दोनों ही हालात में आयकर की धारा 115BBE के तहत इस कैश पर विशेष दर से टैक्स लगाया जा सकता है. यदि टैक्सपेयर के आईटीआर में ऐसी कोई आय दिख रही है जिसका कोई स्रोत नहीं बताया गया है और एसेसिंग ऑफिसर इसे पकड़ लेता है तो आयकर की धारा 115BBE के प्रावधान लागू होंगे. अगर आप भारी राशि वाला लेनदेन करते हैं तो वह इनकम टैक्स की नजर से बचा नहीं रह पाता. बैंक, म्यूचुअल फंड, ब्रोकर, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार जैसी कई संस्थाएं भारी राशि के लेनदेन की जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देती रहती हैं. ये लेनदेन अगर आपके इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में दिए गए ब्योरे से मेल नहीं खाते तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है.अगर आपके अपने पास मौजूद भारी नकदी या बैंक खाते में जमा भारी राशि का हिसाब न दे पाए तो आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है और टैक्स एसेसिंग ऑफिसर 84 फीसदी तक का भारी टैक्स वसूल सकते हैं. असल में बिना हिसाब-किताब वाले राशि पर ऊंचा टैक्स लगने के अलावा इस टैक्स पर 25 फीसदी का सरचार्ज लगाया जाता है. इसके अलावा इस पर 6 फीसदी का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. कैसे लगता है टैक्स: आयकर की धारा 115BBE के अनुसार बिना हिसाब-किताब वाली नकदी पर 60 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाता है. इसके बाद उस पर 25 फीसदी का सरचार्ज लगता है जो कि 15 फीसदी के टैक्स के बराबर होता है. इसके बाद फिर इस (75 फीसदी) पर 4 फीसदी का सेस लगता जो करीब 3 फीसदी टैक्स के बराबर आता है. इस तरह इससे कुल टैक्स की दर करीब 78 फीसदी (60% +15%+ 3%) हो जाती है. इसके अलावा एसेसिंग ऑफिसर 6 फीसदी का जुर्माना लगा सकता है. इस तरह कुल टैक्स 84 फीसदी तक हो जाता है.

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