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बीकानेर -रियासत कालीन परंपरा के अनुसार बीकानेर शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण समाज ने आज नागणेची मंदिर प्रांगण में भजनों की प्रस्तुति देकर माता रानी को इत्र और गुलाल चरणों मे अर्पित कर होली के आगाज की अनुमति ली|  और  देर रात को गेर निकाल कर शहर में होलका का आगाज किया

भाई बन्धु ट्रस्ट की अध्यक्षा श्रीमती कामिनी भोजक मैया ने बताया कि आज माता रानी के प्रांगण में

हंस चढ़ी माँ आयी भवानी रे- सहाय करे सब देश की, पन्नो रे मारी जोड़ रो रे बीकोण रो बासी रे, जोधाणूं सु बीज है मंगाए  प्रेमरस री मेहंदी राचडली, जयपुर में बाजार में पड़ियो प्रेमजी बोर, आदि भजनों की प्रस्तुति देकर माता को रिझाया

भजनों की प्रस्तुति देने वालो में शाकद्वीपीय समाज के साथ साथ मरुनायक मंडल भी मौजूद रहा जिसमे मुख्य रूप से सुशील सेवग, पुरषोत्तम सेवग, गेवर जी भादाणी, अजय कुमार देराश्री, मेघसा जोशी,दारसा जोशी,बलु जोशी, विष्णु सेवग,रघु जोशी, महेश जी गज्जानी, पुरषोतम सेवग।मनमोहन शर्मा,नगाड़े पर रामजी सेवग, चिराग सेवग ने संगत की| इस अवसर पर समाज के गणमान्य जन मौजूद थे
भजनों के अंत मे मंदिर प्रांगण में गुलाल उछालकर परंपरागत होली की शुरआत हुई

नितिन वत्सस ने बताया कि देर रात को गोगागेट से शाकद्वीपीय समाज द्वारा गेर निकाली गई जो बागडियो के मोहल्ले से होते हुए रामदेव मंदिर चाय पट्टी से बड़ा बाजार बैदो का चौक, मरुनायक चौक, होते हुए सेवगो के चौक में सम्पन्न हुई और बीकानेर शहर में परंपरागत रूप होलका का आगाज किया

गेर में परंपरागत रूप से ओ लाल केशा, पापड़ली, आदि गाये गए। आज समाज द्वारा सामूहिक प्रसादी का आयोजन किया गया

 

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