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जयपुर:REET लेवल-2 को रद्द करने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार से जवाब मांगा है । कोर्ट ने मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव और शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के साथ ही रीट के कोऑर्डिनेटर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि जब दोनों परीक्षा एक ही एजेंसी ने कराई तो लेवल 2 को ही क्यों रद्द किया गया है।

जस्टिस इंद्रजीत सिंह ने यह आदेश सुरभि पारीक, रविंद्र कुमार सैनी समेत रीट लेवल 2 के अभ्यर्थियों की याचिका पर दिया है। अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने एक ही एजेंसी के जरिए रीट लेवल एक और लेवल दो की परीक्षा आयोजित करवाई थी। जिसमें 25 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे। सरकार ने 7 फरवरी को सिर्फ लेवल-2 की परीक्षा को रद्द कर दिया। लम्बे समय से तैयारी कर रहे युवाओं के साथ अन्याय हुआ है। उन्होंने कहा कि फिलहाल SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की ओर से इस पूरे मामले की जांच पूरी नहीं हुई है। लेवल-1 की परीक्षा जारी रखते हुए उसका परिणाम जारी कर दिया गया है। ऐसे में राज्य सरकार के पेपर रद्द करने के आदेश को निरस्त किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।

सुप्रीम कोर्ट के नीट-2021 मामले का हवाला दिया
अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि नीट-2021 के मामले में सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि जहां लाखों लोग परीक्षा में शामिल हुए हैं। उस परीक्षा को रद्द नहीं किया जा सकता। ऐसे में पेपर लीक करने और उसका लाभ लेने वाले अभ्यर्थियों को अलग कर ईमानदारी से पास हुए अभ्यर्थियों को लेकर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

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