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बीकानेर,रीट का पेपर लीक होने के बाद लेवल-2 की परीक्षा निरस्त होने से हजारों बेरोजगारों को भले ही झटका लगा हो, लेकिन सरकार को इससे बड़ा फायदा हुआ है। लेवल-2 के 16500 पदों पर जिन शिक्षकों की नियुक्ति अप्रैल तक हो जाती। उन पदों पर नियुक्ति अब दिसंबर से फरवरी तक ही मिलने की उम्मीद है। ऐसे में इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया में 8 से 10 महीने की देरी होगी।

यानी इस अवधि के वेतन की सरकार को बचत होगी। यह बचत करीब 624 करोड़ रुपए आंकी गई है। बेरोजगारों ने मांग उठाई है कि सरकार को जब इतनी बड़ी राशि की बचत हो रही है तो वह बेरोजगारों को आर्थिक संबल प्रदान करें।

अगर रीट-2 निरस्त नहीं होती तो क्या होता? रीट के बाद तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी थी। इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 16 फरवरी थी। इस तिथि के बाद पदों के मुकाबले दो गुणा अभ्यर्थी यानी 33 हजार अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन मार्च में होने की संभावना थी। अप्रैल तक अंतिम परिणाम जारी करके कांउसलिंग के जरिए नियुक्ति मिल सकती थी। लेकिन इस भर्ती में लेवल-2 की प्रक्रिया निरस्त हो चुकी है।

सरकार ने निरस्त किए गए 16500 पदों को मिलाकर 46500 पदों पर 23-24 जुलाई को रीट के आयोजन की घोषणा की है। इस परीक्षा के बाद 1 से डेढ़ महीने में परिणाम जारी हो सकता है। इसके बाद शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन मांगे जाएंगे। आवेदन की प्रक्रिया 1 माह चलेगी। फिर भर्ती परीक्षा, परिणाम, दस्तावेज जांचने, काउंसलिंग होने में भी समय लगेगा। यानी जिन अभ्यर्थियों को अप्रैल में नियुक्ति मिलने की उम्मीद थी, उनको अब 8 से 10 महीने की देरी से नियुक्ति मिलने की संभावना है।

लेवल-2 में 16500 चयनितों को नियुक्ति के बाद दो साल तक प्रोबेशन पीरियड़ में 23700 रुपए प्रतिमाह मिलते। यह राशि तो जब भी नौकरी लगेंगे 2 साल तक प्रोबेशन में मिलेंगे ही। लेकिन वे 8 से 10 महीने देरी से नियमित होंगे। नियमित होने पर उनका वेतन 47320 रुपए प्रतिमाह बनता है। यानी उनका नियमितिकरण 8 से 10 महीने देरी से होगा और इस वेतन का उन्हें नुकसान होगा। इसके आधार पर 16500 शिक्षकों का 8 महीने का वेतन जोड़ा जाए तो करीब 624 करोड़ रुपए होता है। देरी से नियुक्ति के कारण इस राशि की सीधे सीधे सरकार को बचत हो रही है।

सांसद किरोडीलाल मीणा का कहना है कि रीट की तैयारी पर प्रत्येक अभ्यर्थी के 90 हजार रुपए से अधिक खर्च हुए थे। इसमें से करीब 15 हजार रुपए तो कोचिंग के थे। रीट लेवल-2 रद्द होने से जिन अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है, उन्हें प्रत्येक अभ्यर्थी को सरकार को 15 हजार रुपए की तुरंत मदद करनी चाहिए।

शिक्षक भर्ती में देरी से सरकार को सीधे सीधे वेतन की बचत हो रही है। यह बड़ी राशि है। इस राशि में से अगर कुछ राशि बेरोजगार अभ्यर्थियों पर खर्च कर दी जाए तो उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। – उपेन यादव, अध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ भर्ती में 8 से 10 महीने की देरी होना कोई सामान्य बात नहीं है। इस देरी की कभी भरपाई नहीं हो सकती। क्योंकि रिटायरमेंट का आयु तय है। इसलिए सरकार को अभ्यर्थियों के हित में उचित निर्णय करना चाहिए। -राधे मीणा, अध्यक्ष, राजस्थान युवा बेरोजगार महासंघ

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