बीकानेर जेल में सजायाफ्ता बंदियों की ओर से तैयार किए जा रहे मिर्च-मसाले का स्वाद बीकानेर ही नहीं नोखा, चूरू एवं हनुमानगढ़ के बंदी भी चख रहे हैंं। हर माह सैकड़ों किलो मिर्च, हल्दी व धनिया जेलों में सप्लाई की जा रही है। जेल में मिर्च-मसाले तैयार होने से सब्जियों का जायका बढ़ा है वहीं सरकार के मिर्च-मसालों पर होने वाले खर्च में भी कमी आई है। बीकानेर जेल में हर माह ६३० किलोग्राम मिर्च, ३2५ किलो धनिया और 2०० किलो हल्दी तैयार की जा रही है। यहां तैयार करने के बाद मसाले जेलों में सप्लाई किए जा रहे हैं।
मिर्च ११५ रुपए ८० पैसे, हल्दी ९९ रुपए 27 पैसे एवं धनिया ९६ रुपए १० पैसे से दूसरी जेलों में बेचा जा रहा है। मिर्च-मसाले बेचने से मिलने वाली राशि सीधे सरकार को भिजवाई जाती है। जेल सूत्रों के अनुसार जेल में बंदियों के मसाले तैयार करने से लाखों रुपए की सरकार को बचत हुई है। बाजार में वर्तमान में लाल मिर्च 280, हल्दी व धनिया 170 रुपए किलो के हिसाब से बिक रहा है। इस लिहाज से सरकार को हर माह एक लाख तीन हजार ४४६ रुपए, धनिया में 24 हजार 108 रुपए एवं हल्दी में १४ हजार १४६ रुपए का फायदा हुआ है।
बीकानेर जिले में पिछले सवा साल से मिर्च, हल्दी व धनिया पीस कर सब्जी के लिए मसाले तैयार किए जा रहे हैं। सरकार प्रदेश की केन्द्रीय कारागारों को साबूत मिर्च, हल्दी व धनिया की सप्लाई करती है। इसके बाद बंदी इन्हें पीस कर मसाले तैयार करते हैं। इन मसालों को जेलों की जरूरत के हिसाब से सप्लाई की जाती है। विदित रहे कि जेल आईजी विक्रम सिंह करणावत ने जेलों में बंद बंदियों से मिर्च-मसाले तैयार कराने का प्रस्ताव बनाकर प्रदेश कारागार मुख्यालय में पेश किया था, जिसे सरकार ने स्वीकृति दे दी थी। इसके बाद प्रदेश की दस केन्द्रीय कारागारों में मिर्च-मसाले तैयार करने का काम शुरू हुआ।
प्रदेश की बीकानेर जेल में कारपेट, धागा, कपड़ा, फिनायल, मिर्च-मसाले, जयपुर में लकड़ी काम, कोटा में रेडिमेड कपड़े सिलाई का काम, उदयपुर में अलमारी, कूलर सहित दरी व निवार-पट्टी बनाने काम बंदियों से करवाया जा रहा है।
बीकानेर केन्द्रीय कागार को मिर्च ६५0 किलोग्राम खरीद की गई, जिसमें से छीजत आई 3७ किलोग्राम, हल्दी 2०० किलोग्राम और छीजत आई तीन किलो तथा धनिया ३७५ किलो सप्लाई किया गया तथा छीजत साढ़े तीन किलोग्राम आई। जेल मुख्यालय ने मिर्च पर छीजत सात, हल्दी पर एक और धनिया पर 1.5 प्रतिशत निर्धारित किया गया। जबकि पिसाई के बाद मिर्च में 10 और हल्दी व धनिया में पांच.पांच प्रतिशत की छीजत आई।
जेल मिर्च किलोग्राम हल्दी धाणा
बीकानेर ३७५ १०० १५०
हनुमानगढ़ १५० ६० ८०
चूरू ८० 20 ५2
महिला जेल १५ ४.५० ६
नोखा १० ४ ६
जेलों में तैयार मसाले शुद्ध व गुणवत्तापरक है। हाथों से तैयार मसालों से सब्जियों का जायका बढ़ा है। सरकार को हर माह हजारों रुपए का फायदा हो रहा है। पहले जहां ठेकेदार मिर्च-मसाले सप्लाई करता था तो वह मुनाफा कमाता था। अब सीधे तौर पर जेल व सरकार को फायदा है। जेल में तैयार मसालों की कीमत बाजार से बेहद कम पड़ रही है। वर्तमान में बीकानेर के अलावा, हनुमानगढ़, चूरू, महिला जेल व नोखा उप कारागार को मसाले सप्लाई किए जा रहे हैं।
आर अनंतेश्वरन, अधीक्षक बीकानेर केन्द्रीय कारागार