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बीकानेर,राजूवास प्रदेश के तीन वेटरनरी कालेज, सात पशु अनुसंधान संस्थान और 14 पशु विज्ञान केंद्रों और निकटवर्ती गोशालाओं को गोबर से खाद और गोमूत्र से कीट नियंत्रक बनाने का प्रशिक्षण केंद्र बनाएगा। इन केंद्रों पर युवाओं को खाद और कीट नियंत्रक बनाने का अगले वर्ष से प्रशिक्षण दिया जाएगा। राजूवास और राजस्थान गो सेवा परिषद के बीच इस आशय के एम ओ यू को लेकर राजूवास में आयोजित बैठक में यह निर्णय किया गया। बैठक में तय किया गया की पशु विज्ञान केंद्र अपनी निकटवर्ती गोशालाओ में प्रशिक्षण का डेमो तैयार करेंगे। कुलपति डा. सतीश के. भार्गव ने विश्वविद्यालय स्तर पर प्रशिक्षण की आधारभूत संरचना का विश्लेषण किया। परिषद के राष्ट्रीय संयोजक डा. कर्नल ए के गहलोत ने पूरे देश के 45 हजार गांवों के एक एक युवक को खाद और कीट नियंत्रक बनाने का प्रशिक्षण देने की कार्य योजना रखी। इस कार्य योजना के तहत गोबर से खाद और गो मूत्र से कीट नियंत्रक बनाने का नया उद्योग सेक्टर का सूत्रपात होगा। राज्य के 45 गांवों प्रशिक्षण के बाद युवा उत्पादन शुरू कर सकेंगे। प्रसार निदेशक डा.आर.के धुडिया ने इसी वित्तीय वर्ष में तीन हजार युवाओं को प्रशिक्षण देने की कार्य योजना रखी। इसका राज्य सरकार को प्रोजेक्ट भेजने के बिंदुओं पर चर्चा की। प्रारंभ में परिषद अध्यक्ष हेम शर्मा परिषद के कार्यों की रूप रेखा प्रस्तुत की। गजेंद्र सिंह सांखला, अजय पुरोहित, डा शृंगी ने भी सुझाव दिए।

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