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बीकानेर, कामवन के पंचम पीठाधीश्वर जगद्गुरु गोस्वामी वल्लभाचार्यजी महाराज के सान्निध्य में रविवार को रतन बिहारी मंदिर में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन भक्ति भाव से किया गया। हवेली संगीत के भक्ति गीतों के साथ आयोजित अन्नकूट मनोरथ के  बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
कामवन के पंचम पीठ के बीकानेर के आचार्यश्री बिट््ठलनाथ बाबाजी (ब्रजांग बाबा) के नेतृृत्व में ठाकुरजी के विशेष श्रृृंगार व पूजन कर पुष्टिवर्गीय परम्परा के अनुसार ठाकुरजी के अन्नकूट महोत्सव में करीब 251 से अधिक प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर प्रसाद का वितरण श्रद्धालुओं में किया गया ।
मंदिर परिसर में भगवान के भगवत स्वरूप् में शंख, चक्र, गदा व सुदर्शन चक्र धारण कर प्रतिष्ठित करवाया गया। जगद्गुरु वल्लभाचार्यजी व स्थानीय आचार्य ब्रजांग बाबा ने ठाकुरजी की वंदना की तथा मनोरथ के महत्व बताया। जगद्गुरु वल्लभाचार्यजी महाराज ने कहा कि माघ माह मंें भगवान कृृष्ण के विभिन्न स्वरूपों की भक्ति से रोग,शोक, व दोष दूर होते है तथा अन्नकूट मनोरथ का दर्शन करने वाले भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है।
अन्नकूट में कुटीर उद्योग से बनी छबड़ी, मिट््टी के बर्तनों आदि में दूध धर यानि दूध से बनी मिठाईयां व व्यंजन, अनसखड़ी सामग्री में बेसन, आटा, मैदा से बनी मठरी,ठोर, मोहनथाल, सखड़ी सामग्री में चावल, दाल, खीर, कांजीबड़ा, सब्जी, पुंडी, नागरी सामग्री में नारियल पानी व केले से बनने व्यंजनों का भोग लगाया गया। ठाकुरजी के भोग सामग्री में 16 प्रकार के भुजिया, 16 प्रकार की सब्जी, 8 प्रकार की कढ्ढी, 16 प्रकार के कच्चे संधाना यानी अचार, 8 प्रकार की पुड़ी, 8 प्रकार की भाजी सुआ, पालक, बथुवा, मैथी आदि, 8 प्रकार के मुरब्बा,

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