Trending Now












Bikaner,कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत स्वतंत्रता सेनानी श्री विजय सिंह पथिक की मूल दस्तावेजों पर आधारित पुस्तक “राजस्थान का स्वतंत्रता संग्राम और विजय सिंह पथिक” का लोकार्पण राजस्थान राज्य अभिलेखागार, बीकानेर परिसर में किया पुस्तक के विमोचन के दौरान माननीय कल्ला जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिन लोगों के बलिदान पर आज अखण्ड भारत की नींव पड़ी है, हम सभी भारतवासी आजादी की खुली हवा में सांस ले पा रहे है। राजस्थान राज्य अभिलेखागार उन महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किये गये कार्यों, उनके बलिदानों और संघर्ष की कहानी को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को यह अहसास हो कि आजादी हमें सैंकड़ों करोड़ों बलिदानों द्वारा सर्वस्व न्यौछावर करने के पश्चात् मिली है। पुस्तक के संपादक व निदेशक डॉ. महेन्द्र खड़गावत ने बताया कि राजस्थान सरकार ने 1982 ई. में “ओरल हिस्ट्री” परियोजना के अंतर्गत उस समय के जीवित स्वतंत्रता सेनानियों के संस्मरणों को ध्वनिद्ध करने का कार्य दिया, जिसे विभाग ने बखूबी पूर्ण किया। राज्य अभिलेखागार को यह कार्य देने के पीछे मूल कारण भूतपूर्व रियासतों के पुलिस और इंटेलिजेंस के अभिलेखों का यहां उपलब्ध होना था तथा विजय सिंह पथिक के बारे में बताया कि बहुत समय से राजस्थान और आस-पास के राज्यों से लगातार यह मांग की जा रही थी कि विजयसिंह पथिक पर अभिलेखागार पुस्तक प्रकाशित करें और कहा कि यदि विजय सिंह पथिक नहीं होते तो राजस्थान में प्रजा मण्डल (किसान आंदोलन) संभव नहीं था। मेवाड़ में जिस प्रकार से उन्होंने रियासत और अंग्रेजों से संघर्ष किया, पुस्तक उस कहानी को बयां कर रही है। पथिक जी न केवल आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे बल्कि वे एक लेखक, व्यंग्यकार, कवि भी थे।

साथ ही राजस्थान राज्य अभिलेखागार एवं अभिलेख म्यूजियम का अवलोकन भी किया डिजिटल अभिलेखागार अभिलेख संग्रहालय तथा अभिलेख प्रबंध को देखकर निदेशक डॉ. महेन्द्र खड़गावत व अभिलेखागार परिवार के कार्यों की सराहना की। बही और पट्टा रजिस्टर का भी अवलोकन किया और पट्टा जारी करने के पैरामीटर तथा कार्यप्रणाली की प्रशंसा की। विभाग के अवलोकन में उन्होंने विभाग में चल रहे डिजिटाईजेशन कार्य के संबंध में जानकारी ली तथा डिजिटल अभिलेखागार को भविष्य के लिये बहुत महत्वपूर्ण बताया। विभागीय प्रकाशन से संबंधित विभिन्न पुस्तकों की जानकारी ली और विभाग द्वारा किये जा रहे कार्य के लिये सराहना करते हुए कहा कि राजस्थान राज्य अभिलेखागार अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन एवं शोध के क्षेत्र में ख्याती प्राप्त कर रहा है। अपने आप में अनूठे अभिलेख संग्रहालय को देखकर कल्ला जी ने विभाग निदेशक की खुलकर प्रशंसा की। अभिलेख संग्रहालय में बनी विभिन्न दीर्घाओं में शिवाजी महाराज दीर्घा, महाराणा प्रताप दीर्घा, टेस्सीटोरी दीर्घा, स्वतंत्रता सेनानी दीर्घा, 1857 के क्रांतिकारियों की प्रदर्शनी दीर्घा एवं ताम्र-पत्र दीर्घा का भी अवलोकन किया और बताया की इससे बीकानेर में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। इस अवसर पर न्यास सचिव नरेन्द्र सिंह, शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक रचना भाटिया, अतिरिक्त निदेशक सांगवा संयुक्त निदेशक तेजा सिंह, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता सुधीर माथुर जिला शिक्षा अधिकारी तथा बड़ी संख्या में कॉलेज व्याख्याता व साहित्यकार उपस्थित थे।

Author