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नागौर जिले में लाखों बिजली उपभाेक्ता कोरोनाकाल में सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन डिस्कॉम अधिकारियों की लापरवाही के चलते उपभोक्ताओं काे मीटराें की रीडिंग लिए बिना ही दो से चार गुणा अधिक राशि के औसत बिल थमाए जा रहे है। इतना ही नहीं अपनी भूल और टाइपिंग एरर का हवाला देकर गरीबो को लाखों और करोडो के बिल भेजे गए है।ऐसा ही एक मामला मकराना शहर में सामने आया है, जहां एक ठेले पर नींबू पानी बेचकर अपने और परिवार का पेट पालने वाले गरीब को डिस्कॉम ने दो माह का बिल 1 करोड़ 59 लाख 96 हजार 143 रुपये बकाया का बिजली बिल भेज दिया। इतनी बड़ी राशि का बिल देखकर पीड़ित को पहले तो बिल पर विशवास नहीं हुआ, लेकिन जब उसने आस-पड़ोस के लोगों को बताया और सभी ने बतया कि बिल में तो 1 करोड़ 59 लाख 96 हजार 143 रुपये ही बकाया है, तो पीड़ित की बीपी बढ़ गई। जैसे तैसे लोगों ने उसे संभाला। नींबू पानी का ठेला लगाकर परिवार का पेट पालने वाले गरीब को डिस्कॉम ने दो माह का बिल 1 करोड़ 59 लाख 96 हजार 143 रुपये बकाया का बिजली बिल भेज दिया। इतनी बड़ी राशि का बिल देखकर पीड़ित को पहले तो बिल पर विशवास नहीं हुआ, लेकिन जब उसने आस-पड़ोस के लोगों को बताया और सभी ने बताया कि बिल में तो 1 करोड़ 59 लाख 96 हजार 143 रुपये ही बकाया है, तो पीड़ित की बीपी बढ़ गई। जैसे तैसे लोगों ने उसे संभाला।डिस्कॉम अधिकारियों को जब मामले की जानकारी लगी तो आनन फानन में उन्होंने अपनी भूल सुधार और टाइपिंग एरर की बात कहते हुए देर शाम बिल को ठीक करते हुए 1500 रूपये बकाया का बिजली बिल बना दिया।बाद में डिस्कॉम कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर उसके खाता संख्या 2109/0274 के घरेलू मीटर की रीडिंग देखी तो उसमें मात्र 1555 यूनिट दर्शाई हुई मिली जो कि नया मीटर लगने के बाद पिछले कुछ महीनों की रीडिंग है। इससे पहले फरवरी में 220 एवं अप्रैल में 324 यूनिट उपभोग का बिल अब्दुल सत्तार को दिया गया था।

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