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बीकानेर। बच्चों-किशोरों में कुपोषण की रोकथाम, शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा 25 से 30 अक्टूबर तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति (डीवर्मिंग) कार्यक्रम चलाया जाएगा। स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोज्य कार्यक्रम के तहत 1 वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को आंगनबाडी केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पेट के कीड़े मारने की दवा एलबेण्डाजोल गोली निशुल्क खिलाई जाएगी।

कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओम प्रकाश चाहर ने बताया कि जिले में गोलीयों की आपूर्ति कर दी गई है। 3 साल तक के बच्चों के अभिभावकों को 2 साफ चम्मच व बड़े बच्चों के लिए एक चम्मच तथा पीने का साफ पानी घर से लाने होंगे । 2 गज की दूरी और मास्क के साथ हाथों की स्वच्छता को प्राथमिकता से लागू करना होगा।
अभियान के नोडल अधिकारी डिप्टी सीएमएचओ (प.क.) डॉ योगेन्द्र तनेजा ने बताया कि 1 से 2 वर्ष तक के बच्चे को ऐल्बेण्डाजोल 400 एमजी की आधी यानीकि 200 मिली ग्राम की गोली को दो चम्मच के बीच में रखकर चूरा करके स्वच्छ पीने के पानी में घोलकर पिलाई जायेगी, 2 से 3 साल के बच्चों को पूरी 1 गोली पीसकर व 3 से 19 साल के बच्चे को 1 गोली चबाकर खाने को दी जाएगी।

*बड़े काम की दवा*
डॉ योगेन्द्र तनेजा ने बताया कि यह दवा बड़े काम की है और पूर्ण सुरक्षित है। जो बच्चे स्वस्थ दिखें उन्हें भी ये खिलाई जानी हैं क्योंकि कृमि संक्रमण का प्रभाव कई बार बहुत वर्षों बाद स्पष्ट दिखाई देता है। पेट के कीड़े मरने से भोजन से मिला पोषण शरीर को मिलता है और कुपोषण व एनीमिया जैसी समस्या दूर होती है।
दवा से पेट के कीड़े मरते हैं इसलिए कुछ बच्चों में जी मिचलाना, उल्टी या पेट दर्द जैसे सामान्य छुट-पुट लक्षण हो सकते हैं लेकिन ये सामान्य व अस्थाई हैं जिन्हें संभाला जा सकता है। हाँ बीमार व मिर्गी के दौरे आने वाले बच्चों को ये दवाई नहीं खिलाई जायेगी।

सादर प्रकाशनार्थ …..

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