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बीकानेर, वेटरनरी विश्वविद्यालय के राज्यमद में स्थापित 10 उन्नत अनुसंधान केन्द्रों की कार्य योजना एवं प्रगति की समीक्षा बैठक शुक्रवार को कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग के अध्यक्षता में आयोजित की गई। कुलपति प्रो. गर्ग ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहां कि राज्य में समस्त पशुधन व वन्यजीव कल्याण कार्यों और अनुसंधानों को तेजी से लागु करने के लिए विश्वविद्यालय में उन्नत अनुसंधान केन्द्रों की स्थापना की गई है जो कि देश में एक नई पहल है। विश्वविद्यालय ने अपने सामाजिक दायित्वों के मद्देनजर राज्य के पशुपालन क्षैत्र के हित में पशुपालकों की उन्नति हेतु बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाये है। यह देश का एक मात्र विश्वविद्यालय है जो कि शिक्षण गतिविधियों के साथ-साथ पारम्परिक पशुचिकित्सा एवं वैकल्पिक औषधि विज्ञान, पशुधन चारा संसाधन, प्रबंधन एवं तकनीक, पशु जैव विविधता संरक्षण, पशुविज्ञान अभियांत्रिकी और प्रौघोगिकी, जैविक पशु उत्पादन, वन्य जीव प्रबंधन एवं स्वास्थ्य अध्ययन, पशुआपदा प्रबंधन तकनीक, पशु जैव चिकित्सा अपशिष्ट निस्तारण प्रौघोगिकी, टीकाकरण एवं जैविक उत्पाद अनुसंधान एवं पशु विज्ञान में अन्तरिक्ष आधारित तकनीक विषयों पर उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। कुलपति प्रो. गर्ग ने बैठक में सभी केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विभिन्न मदों के तहत जारी बजट राशि का समुचित उपयोग करे एवं प्रत्येक केन्द्र निश्चित उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए कार्य करें तथा प्रत्येक वर्ष के अन्त तक विशेष उपलब्धियों एवं कुछ ऐसी तकनीकों को विकसित करें जिसका कि अन्तिम छोर पर बैठे पशुपालकों को लाभ मिल सके। कुलपति ने इन केन्द्रों के द्वारा विकसित तकनीकों के पेटेन्टीकरण करने, वेक्सीन निर्माण तथा रोग निदान सुविधाए विकसित करने बाबत दिशा निर्देश दिए। विश्वविद्यालय के उन्नत अनुसंधान केन्द्रों द्वारा केन्द्रित एवं लक्ष्य आधारित अनुसंधान व तकनीकी हस्तान्तरण पर जोर दिया जायेगा। बैठक में उन्नत अनुसंधान केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। बैठक के प्रारम्भ में निदेशक अनुसंधान प्रो. हेमन्त दाधीच ने उन्नत अनुसंधान केन्द्रों की गतिविधियों के बारे में सदन को बताया तथा बैठक का संचालन किया।

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