बीकानेर,प्रदेश के खेल प्रतिभाओं के निर्माण का केंद्र कहे जाने वाले सादुल स्पोर्ट्स स्कूल में जारी भूख हड़ताल आज 15वें दिन में प्रवेश कर गई। क्रीड़ा भारती के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन को आज देशभर से एक नया समर्थन मिला। भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान और अर्जुन अवार्डी मगन सिंह राजवी ने धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलनकारियों के साथ अपनी एकजुटता जताई।
मगन सिंह ने जताई नाराज़गी, खिलाड़ियों के हालात पर सवाल उठाए
मदन सिंह राजवी, जो स्वयं सादुल स्पोर्ट्स स्कूल के पूर्व विद्यार्थी रह चुके हैं ने स्कूल के मौजूदा हालात देखकर गहरी नाराजगी व्यक्त की। धरना स्थल पर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्होंने कहा:
“यह बेहद शर्मनाक है कि खेल प्रतिभाओं को ऐसी दयनीय परिस्थितियों में संघर्ष करना पड़ रहा है। पूरी दुनिया खेल सुविधाओं में प्रगति कर रही है, लेकिन हमारे खिलाड़ियों को बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। हॉकी का मैदान आज भी मिट्टी का है और गोल पोस्ट के नाम पर सिर्फ दो डंडे खड़े हैं। यह देखकर मन को बहुत दुख होता है।”
भूख हड़ताल और मगन सिंह राजवी का समर्थन
धरना स्थल पर मगन सिंह ने खिलाड़ियों के आंदोलन को सही ठहराते हुए कहा कि सरकार और शिक्षा विभाग को तुरंत इसमें सुधार के कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा,
“यह आंदोलन सिर्फ सादुल स्पोर्ट्स स्कूल के खिलाड़ियों की नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के खेल भविष्य की आवाज है। अगर हम आज इन प्रतिभाओं की अनदेखी करेंगे, तो कल प्रदेश की खेल प्रतिभा का क्या होगा?”
खिलाड़ियों का समर्थन और आंदोलन का विस्तार
भैरुरतन ओझा ने कहा की भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मगन सिंह के समर्थन से खिलाड़ियों को नई ऊर्जा मिली है। भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व खिलाड़ियों ने इसे सरकार की बड़ी विफलता करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे पीछे नहीं हटेंगे।
“हमारी मांगें खेल प्रतिभाओं के लिए बुनियादी सुविधाओं को लेकर हैं। अगर सरकार ने इन्हें पूरा नहीं किया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा,” आंदोलनकारी छात्रों ने कहा।
शिक्षा विभाग की उदासीनता पर सवाल – दानवीर सिंह भाटी
भूख हड़ताल के 15 दिन पूरे होने के बावजूद सरकार और शिक्षा विभाग की चुप्पी ने उनकी प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खिलाड़ियों ने इसे प्रदेश की खेल प्रतिभाओं की उपेक्षा करार देते हुए कहा कि यह प्रशासन के खोखले दावों की पोल खोल रहा है।
जनसमर्थन बढ़ा, आंदोलन बनेगा बड़ा
धरने को मगन सिंह राजवी जैसे दिग्गज खिलाड़ियों का समर्थन मिलने से आंदोलन को नई दिशा मिली है। साथ ही, स्थानीय लोगों, अभिभावकों और खेल संगठनों का समर्थन भी बढ़ता जा रहा है। आंदोलनकारी छात्रों ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि प्रदेश की खेल प्रतिभाओं के भविष्य की लड़ाई है।
सरकार के लिए बढ़ी चुनौती
अब देखना यह है कि सरकार कब तक इस आंदोलन की अनदेखी करती है। अगर जल्द ही समाधान नहीं निकला, तो यह आंदोलन एक बड़े जनांदोलन का रूप ले सकता है।
“सरकार को अब खेल प्रतिभाओं की उपेक्षा बंद करनी होगी। अगर ऐसा नहीं होता, तो यह आक्रोश सरकार के लिए गंभीर राजनीतिक और सामाजिक चुनौती बन जाएगा,” छात्रों और पूर्व खिलाड़ियों ने चेतावनी दी।