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बीकानेर,श्रीजुबली नागरी भंडार पाठक मंच,बीकानेर के तत्वावधान में सुदर्शना कला दीर्घा में पाठक मंच के सक्रिय सदस्य,गंम्भीर साहित्यानुरागी और युवा रचनाकार आबिद परिहार के असामयिक निधन पर एक शोक सभा का आयोजन रखा गया जिसमें बीकानेर के हिंदी,उर्दू व राजस्थानी के साहित्यकारों ने मरहूम आबिद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के सूत्रधार राजस्थानी के वरिष्ठ रचनाकार कमल रंगा ने बताया कि आबिद परिहार के चित्र पर सभी ने पुष्पांजलि अर्पित की और उनकी मगफिरत की दुआ की गई।
वरिष्ठ साहित्य प्रेमी नंद किशोर सोलंकी ने आबिद परिहार के व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके व उनके पिता हसन खां परिहार के संस्मरण सुनाते हुए कहा कि आबिद अपने पिता की तरह नेक,मिलनसार और सज्जन व्यक्ति थे।उन्होंने कहा कि आबिद को पढ़ने लिखने का बहुत शोक था और उनका अध्ययन विस्तृत था।
राजस्थानी के वरिष्ठ कवि लेखक कमल रंगा ने आबिद परिहार के साथ बिताए भावनात्मक पलो को याद करते हुए कहा कि आबिद गजब का शिष्टाचार था ।साथ ही वह एक अच्छा लेखक,कवि व समीक्षक भी था।
डॉ ज़िया उल हसन कादरी ने कहा कि आबिद मेरे छोटे भाई की तरह था।उसमें सामाजिक मूल्य कूट कूट कर भरे हुए थे।
वह साहित्य प्रेमी के साथ एक गंम्भीर साहित्यकार भी थे।
वरिष्ठ शायर जाकिर अदीब ने कहा कि आबिद परिहार हिंदी,उर्दू,राजस्थानी और अंग्रेजी चारों साहित्य का सजग पाठक था।उसकी भाषाओं पर अच्छी पकड़ थी।
बुनियाद हुसैन जहीन ने नज़्म लिखकर आबिद को श्रद्धांजलि अर्पित की।असद अली असद ने आबिद को “मुहब्बत का संदेशवाहक बताया वहीं कासिम बीकानेरी ने आबिद को “उम्दा इंसान” कहा। मुहम्मद इसहाक गौरी शफक,जुगल किशोर पुरोहित, इंजीनियर गिरिराज पारीक और शेख लियाकत अली ने भी अपने विचार व्यक्त किए।इस अवसर पर जाहिद हुसैन,नियाज़ मुहम्मद सहित आबिद परिहार के अनेक परिवारजन भी मौजूद थे।अंत में दो मिनट का मौन रख कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी गई।संचालन डा जिया उल हसन कादरी ने किया।

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