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जयपुर/बीकानेर, 21 अक्टूबर। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य की अध्यक्षता में गुरुवार को शासन सचिवालय में आयोजित स्टेट लेवल एम्पॉवर्ड कमेटी (एसएलईसी) की बैठक में बीकानेर एवं चूरू जिलों में 14.9-14.9 मेगा वाट क्षमता के दो बायो मास पावर प्लांट लगाने का अनुमोदन किया गया।

अक्षय ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि बीकानेर जिले की नोखा तहसील के जसरासर नाॅर्थ एवं चुरू जिले की सरदारशहर तहसील के मालसर गांव में निजी कम्पनी मैसर्स एसएईएल लिमिटेड के माध्यम से 14.9-14.9 मेगा वाट के बायो मास पावर प्लांट लगाए जाएंगे। कम्पनी बिजली बनाने के लिए राॅ मेटेरियल के रूप में सरसों की तुड़ी एवं काॅटन वेस्ट जैसे अनुपयोगी फसल अवशेष का उपयोग करेगी। यह दोनों प्लांट आगामी 36 महीने में तैयार होकर बिजली पैदा करना शुरू कर देंगे। यहां बनने वाली बिजली की आपूर्ति राज्य सरकार को की जाएगी।

डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मैसर्स एसएईएल लिमिटेड राज्य में 14.9-14.9 मेगा वाट क्षमता के 6 बायो मास प्लांट लगा रही है, जिसमें से बीकानेर जिले के छतरगढ़ में एक प्लांट लगाने की अनुमति गत जून माह में ही जारी की जा चुकी है। इसके अलावा इस साल अन्य कम्पनियों को फागी (जयपुर), देवली (टोंक) एवं बागीदौरा (बांसवाड़ा) में कुल 22 मेगा वाट क्षमता के प्लांट लगाने की अनुमति दी गई है।

उल्लेखनीय है कि अक्षय ऊर्जा विकास निगम के प्रयासों से राज्य में अब तक बायो मास से बिजली पैदा करने की 120 मेगा वाट क्षमता सृजित की जा चुकी है, जबकि लगभग 200 मेगा वाट क्षमता के प्लांट लगना विभिन्न स्तरों पर प्रक्रियाधीन है।

बैठक में वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा, राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री आनन्द कुमार, राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के सीएमडी श्री भास्कर ए सावंत, जल संसाधन विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वीराज, रीको के एमडी आशुतोष एटी पेड़णेकर, बीकानेर जिला कलक्टर श्री नमित मेहता एवं चूरू जिला कलक्टर श्री सांवरमल वर्मा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल थे।

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