बीकानेर। कोरोना छंटने के साथ ही लोग बेपरवाह हो गए हैं। लोग सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजर और मास्क से किनारा करने लगे हैं। स्थिति यह है कि कोरोना से बचाने वाली वैक्सीन को लेकर भी लोग गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। नतीजन पहली डोज लगवा चुके लोग दूसरी डोज लगाने में रुचि नहीं ले रहे। हालात यह कि पहली डोज १४ लाख से अधिक लोगों को लग चुकी है जबकि दूसरी डोज सात लाख लोगों को भी नहीं लगी है। जिले में पहली और दूसरी डोज मिलाकर 21 लाख ४१ हजार ७९३ लोगों को वैक्सीन लगी है। वैक्सीन लगाने के मामले में बीकानेर जिले की प्रदेश में स्थिति बेहतर है।
आरसीएचओ एवं वैक्सीनेशन प्रभारी डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि जिले में १४ लाख ५१ हजार १०३ लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। छह लाख ९९ हजार ९९ लोगों को दूसरी डोज लग चुकी हैं। पहली और दूसरी को जोड़कर देखे तो 21 लाख ४१ हजार ७९३ लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है।
छठें स्थान पर बीकानेर
डॉ. गुप्ता ने बताया कि प्रदेश से १७ लाख ७८ हजार ५१९ लोगों को पहली डोज लगाने का लक्ष्य मिला था। बीकानेर में १४ लाख ५१ हजार १०३ को पहली डोज लगाकर प्रदेशभर में १८वें स्थान पर है जबकि दूसरी डोज ६ लाख ९९ हजार ९९ लोगों को लगाकर छठें स्थान पर हैं। बीकानेर वैक्सीनेशन करने में ९2.७१ प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर चुका हैं।
तीसरी लहर की आशंका…!
कोरोना को लेकर चिकित्सक अभी तक पूरी तरह संतुष्ट नहीं है कि अब फिर से कोरोना नहीं आएगा। चिकित्सक बताते हैं कि कोरोना वायरस बार-बार स्वरूप बदल रहा है। ऐसे में यह कहा नहीं जा सकता कि कोरोना की तीसरी लहर अब नहीं आएगी। पीबीएम के एक वरिष्ठ चिकित्सक बताते हैं कि लोगों ने लापरवाही बरती तो यहां एक बार फिर हालात खराब होंगे।
डेंगू से हालत खराब, कोरोना आया तो क्या होगा…
पीबीएम, जिला एवं निजी अस्पतालों में वर्तमान में डेंगू व वायरल ने हालात पतली कर रखी है। चिकित्सक बताते हैं कि इन हालातों में अगर कोरोना की तीसरी लहर आई तो स्थितियों को संभालना मुश्किल होगा। बेड, आइसीयू, वेंटीलेटर व अन्य जीवनरक्षक उपकरणों की अभी मारामारी है। डेंगू के अलावा कैंसर, लीवर, हार्ट, फेंफड़े, पेट, सिर, सड़क हादसे में घायल होकर पहुंचने वाले भी सैकड़ों लोग भर्ती है। इन परिस्थितियों में कोरोना से बचाव जरूरी है।
उम्र टारगेट प्राप्ति प्रतिशत१८-४४ ११७९६० ८४८०८३ ७१.९2४५ प्लस ३६३264 ३४१४20 ९३.९९६० प्लस 235९९४ 21८८०० ९2.७१
दूसरी डोज लगाना जरूरी
पहली डोज लगाने वालों को दूसरी डोज लगाना जरूरी है। दूसरी डोज लगाने के बाद ही शरीर में कोरोना से लडऩे की रोगप्रतिरोधक क्षमता बनेगी। आमजन लापरवाही न बरतें। दूसरी डोज जरूर लगवाए। दूसरी डोज लगवाकर खुद भी बचे और अपने परिवार को भी कोरोना से बचाएं। डॉ. सुरेन्द्र कुमार वर्मा, अतिरिक्त प्राचार्य एसपी मेडिकल कॉलेज