बीकानेर,मांड कोकिला पद्मश्री अल्लाह जिलाई बाई की 32 वी पुण्यतिथि पर भावपूर्ण स्मरण किया गया । जाईमां की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम का सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों पर प्रसारित किया गया जिसमें देश विदेश के मांड प्रेमी जुड़े ।
अल्लाह जिलाई बाई मांड गायकी प्रशिक्षण संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ अज़ीज़ अहमद सुलेमानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । उन्होंने कहा कि अल्लाह जिलाई बाई ने अपना सम्पूर्ण जीवन लोकसंगीत को समर्पित कर दिया और मांड गायिकी को अपनी साधना से शुद्ध सात्विक रागों में स्थान दिलाया । उन्होंने कहा कि पद्मश्री अल्लाह जिलाई बाई ने बीकानेर राजमहलों से अलबर्ट हॉल लंदन तक अपनी गायकी का लोहा मनवाया । वरिष्ठ लेखक अशफ़ाक कादरी ने स्व जिलाई बाई के व्यक्तित्व कृतित्व पर पत्रवाचन करते हुए मांड समारोह के 31 वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला ।
अंतराष्ट्रीय लोकगायक समदर खान ने अपने संदेश में कहा कि संसार में हमेशा मांड गायकी में पद्मश्री अल्लाह जिलाई बाई का नाम अव्वल रहेगा । अल्लाह जिलाई बाई को खिराजे अक़ीदत पेश करते हुए डॉ एम एम बागड़ी ने कहा कि पद्मश्री अल्लाह जिलाई बाई ओर मांड समारोह एक दूसरे के पूरक है । अजमेर से डॉ नासिर मोहम्मद मदनी, जयपुर से शबनम अजीज, बीकानेर से रजिया अजीज, डॉ एजाज अहमद, डॉ नीतू सिंह, माही अयाज ने भी अपने विचार रखे।
इससे पूर्व बड़े कब्रिस्तान में पद्मश्री अल्लाह जिलाई बाई के मजार पर क़ुरआनखानी का आयोजन किया गया जिसमें वतन में अमन चैन और खुशहाली की दुआ की गई
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