बीकानेर,देश के ख्यातनाम राजस्थानी हिन्दी के साहित्यकार, रंगकर्मी, चिंतक, आलोचक, अनुवादक, सम्पादक एवं शिक्षाविद् कीर्तिशेष लक्ष्मीनारायण रंगा की 93वीं जयंती दो दिवसीय समारोह के रूप में मनाई गई।
रंगा की जयंती समारोह के दूसरे दिन आज प्रातः पी.बी.एम. अस्पताल परिसर के कैंसर पीड़ित 150 भाई-बहनों को स्वस्थ एवं सादा भोजन संस्था द्वारा करवाया गया। इस अवसर पर उन्हें स्नेहपूर्वक भोजन करवाने में राजेश रंगा, श्याम सुंदर सोनी, महेन्द्र सोनी, आशीष रंगा, हरिनारायण आचार्य, घनश्याम ओझा सहित सभी गणमान्यों ने अपनी सेवाएं दी। तदोपरान्त रंगा की स्मृति मेें गाय एवं बछड़ों को गुड़ व हरा चारा खिलाया गया एवं उसके बाद में 11 फल के पेड़ों का पौधारोपण किया गया।
प्रज्ञालय के कमल रंगा ने बताया की कीर्तिशेष लक्ष्मीनारायण रंगा की 160 प्रकाशित पुस्तकों की प्रदर्शनी का समापन की अध्यक्षता करते हुए डॉ. मदन सैनी ने कहा कि रंगा की 93वीं जयंती को पुस्तक-संस्कृति एवं पठन प्रवृति को समर्पित होना अपने आप में एक साहित्यिक महत्वपूर्ण घटना है, डॉ. सैनी ने आगे कहा कि रंगा जी की विभिन्न विधाओं की 160 पुस्तकों का प्रकाशन होना और अप्रकाशित साहित्य की प्रदर्शनी एक नवाचार है। कीर्तिशेष रंगा की रचनाएं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं विश्व विद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल है एवं रंगा देश एवं प्रदेश की चार अकादमियों से समादृत है।
डॉ. सैनी ने रंगा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपनी बात रखते हुए कहा कि कीर्तिशेष रंगा बहुप्रतिभा सम्पन्न व्यक्तित्व के धनी थे। ऐसी प्रतिभा के नाम से बीकानेर नगर निगम उनके पुश्तैनी निवास स्थान नत्थूसर गेट के बाहर सीधी करमीसर की ओर जाने वाली सड़क का नाम करण उनके नाम से करें तो बीकानेर नगर निगम के लिए यह सौभाग्य की बात होगी।
दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का सैकड़ों बालक-बालिकाओं एवं युवा पीढ़ी ने अवलोकन किया इसके साथ-साथ कृष्णचंद पुरोहित, गिरिराज पारीक, भवानी सिंह, अख्तर अली, बसंत सांखला, विद्यासागर, डॉ. चारूलता, पंकज, राहुल सहित कई गणमान्य लोगों ने पुस्तक प्रदर्शनी को एक सराहनीय कदम बताया साथ ही बालकों को निःशुल्क बाल साहित्य वितरण करने को नवाचार कहा।
पुस्तक प्रदर्शनी एवं कीर्तिशेष रंगा की 93वीं जयंती के दो दिवसीय समारोह के समापन अवसर का सफल संचालन युवा संस्कृतिकर्मी आशीष रंगा ने किया एवं सभी का आभार सुनील व्यास ने ज्ञापित किया।