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बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, विवाद एवं शिकायत निवारण तंत्र समिति सदस्य रमेश अग्रवाल, विनोद गोयल, नरेश मित्तल, वीरेंद्र किराडू, राजाराम सारडा एवं विजय जैन ने संयुक्त पत्र भिजवाकर प्रमुख शासन सचिव राजस्व ग्रुप 3 विभाग राजस्थान जयपुर से कोटा की तर्ज पर बीकानेर को भी हवाई सेवा विस्तार हेतु निशुल्क भूमि उपलब्ध करवाने की मांग की | पत्र में बताया गया कि बीकानेर जिला अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित होने के कारण राजस्थान में सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण जिला है | बीकानेर के पापड़, भुजिया, रसगुल्ला एवं कृषि आधारित, लकड़ी शिल्प एवं फर्नीचर तथा ऊनी कारपेट अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात है | इसके अतिरिक्त सिरेमिक उत्पादों का भी निर्यात यहाँ से होता है | राजस्थान का बीकानेर जिला एशिया की सबसे बड़ी ऊन मंडी के नाम से भी विख्यात है | इस हेतु संभागीय आयुक्त बीकानेर भंवरलाल मेहरा द्वारा भी पूर्व में प्रमुख शासन सचिव को पत्र भिजवाया जा चुका है | वर्तमान व्यवस्थाओं को देखते हुए बीकानेर से कोलकात्ता, गुवाहटी, बेंगलूरू व मुंबई जैसे महानगरों के लिए हवाई सेवाओं की नितांत आवश्यकता महसूस की जा रही है क्योंकि बीकानेर संभाग के औद्योगिक व व्यापारिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को अपने व्यापार के सिलसिले में मुंबई, कोलकात्ता, गुवाहटी व बेंगलुरु आना- जाना रहता है | राजस्थान सरकार द्वारा जारी मिशन निर्यातक बनो के तहत भी अधिक से अधिक उत्पाद निर्यात करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है | औद्योगिक विकास एवं वर्तमान आवश्यकताओं को देखते हुए सिविल एयरपोर्ट का विकास एवं विस्तार होना वर्तमान समय की आवश्यकता भी है | पूरे बीकानेर संभाग के औद्योगिक व व्यापारिक विकास को देखते हुए कोटा की तर्ज पर बीकानेर को भी वर्तमान एयरपोर्ट से सटती 58.18 हेक्टेयर भूमि निशुल्क दी जाए ताकि बीकानेर की भी महानगरों से कनेक्टिविटी सुलभ हो सके |

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