बीकानेर,धर्म, कर्म और आध्यात्म हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं। हमारे धार्मिक ग्रंथ ईश्वर के प्रति श्रद्धा का भाव जगाते हैं और जीने की राह दिखाते हैं।
रविवार को ब्रह्म बगीचा परिसर में सखा संगम की ओर से खूमराज पंवार द्वारा संकलित पुस्तक ‘भक्ति योग’ के विमोचन समारोह के दौरान वक्ताओं ने यह बात कही।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी थे। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों को अनेक श्लोक, ऋचाएं, भजन और चालीसाएं आदि कंठस्थ हुआ करती थी। जोशी ने कहा कि इनमें से कई भजन, लिखित रूप में संकलित नहीं होने के कारण इन्हें सहेजा नहीं जा सका। ‘भक्ति योग’ जैसे प्रयास इन्हें अगली पीढ़ी तक पहुंचा पाएंगे।
अध्यक्षता करते हुए सखा संगम के अध्यक्ष एन. डी. रंगा ने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में युवा पीढ़ी हमारी धार्मिक विरासत से दूर हो रही है। ऐसे में युवाओं को सनातन संस्कृति से जोड़ने में यह पुस्तक सहयोगी साबित होगी।
विशिष्ट अतिथि युवा कवि हरि शंकर आचार्य ने कहा कि इन भजनों को ऑडियो विजुअल माध्यम में भी संग्रहित किया जाए, जिससे युवाओं तक इन्हें और अधिक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा।
खूमराज पंवार ने बताया कि पुस्तक में विभिन्न चालीसाएं, मंत्र, स्तुतियां, कवच सहित 100 से अधिक भजन संकलित किए गए हैं। ऐसे कई भजन पारंपरिक रूप से घरों और धर्म स्थलों पर गाए जाते हैं।
इस दौरान नागेश्वर जोशी, बृज गोपाल जोशी, भगवान दास परिहार, मंगल चंद रंगा, लालचंद पुरोहित, मुरली मनोहर पुरोहित सहित अन्य लोग मौजूद रहे।