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बीकानेर,विश्व पशु जन्य रोग दिवस के अवसर पर शनिवार को चिकित्सा संस्थानों पर आमजन को पशु जन्य रोग से बचाव के बारे में जागरूक किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत स्वास्थ्य पशु जन्य रोग निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत पशु जन्य रोग से बचाव और जागरूकता कार्यक्रम संचालित है।

डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि पशु जन्य रोग में रेबीज़, स्क्रब टायफस, एवियन इनफ्लुएंजा, जापानी इन्सेफेलाइटसिस, ब्रूसलॉसेस, सेल्मोनेसिस, एंथ्रेक्स, लेऐस्पायरोसिस इत्यादि आते हैं, जो पशुओं से मानव में विभिन्न माध्यमों से फैल जाते हैं। बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां अपनाएं। पशु जन्य रोग अप्रत्यक्ष संपर्क, वेक्टर जनित, वायु जनित, प्रत्यक्ष संपर्क और खाद्य जनित तरीके से फैल सकते हैं। उन्होंने बताया कि पशु जन्य रोग के अप्रत्यक्ष फैलाव में जानवरों के रहने-घूमने वाली सतह आती है जो कीटाणुओं से दूषित हो जाती है एवं वेक्टर जनित का फैलाव कीड़े, घुन, मच्छर के काटे जाने पर होता है। डॉ गुप्ता ने बताया कि वायु जनित फैलाव वायरस से होता है और खाद्य जनित फैलाव संक्रमण जानवर एवं दूषित मांस व दूध के सेवन करने से होता है। पशु जन्य रोग प्रत्यक्ष रूप में संक्रमित जानवर की लार, रक्त, मूत्र, बलगम,मल व हैं शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से होता है। उन्होंने बताया कि आमजन गाय, भैंस, भेड़, बकरी, ऊंट , कुत्ता, बिल्ली, सूअर व बंदर के काटे जाने पर चिकित्सक को दिखाएं और इनमें असामान्य लक्षण पाए जाने पर इनसे बचकर रहें।

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