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बीकानेर, राजस्थान राज्य अभिलेखागार द्वारा आयोजित अभिलेख सप्ताह गुरुवार को संपन्न हुआ। अंतिम दिन राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘राजस्थान के इतिहास में महिलाओं की स्थिति एवं भूमिका’ आयोजित की गई।
इसका उद्घाटन बीकानेर (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र विधायक सुश्री सिद्धिकुमारी ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। उन्होंने कहा कि समाज के सर्वांगीण विकास के लिए महिलाओं का सशक्त और समर्थ होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं की जानकारी महिलाओं तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में इतिहास रचती हैं, तो इसे बचाती भी हैं।
संगोष्ठी के प्रथम सत्र की अध्यक्षता जामिया विश्वविद्यालय, दिल्ली की पूर्व प्रो. सुनीता द्वारा की गई। उन्होंने ‘मैपिंग वूमेन ऑफ राजस्थान इन लार्जर पैनोरमा’ विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया और इतिहास में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।
संस्कृति मंत्रालय, दिल्ली से की डॉ. दिव्या सेठी ने ‘कोटिडीयन लाइफ एंड प्रॉपर्टी राइट पिटीशन नॉरेटिव्स का महाजन वूमेन’ विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के जीवन में प्राकृतिक रूप से धैर्य की प्रचुरता होती है। यह ऊर्जा और धैर्य परिवार और समाज के लिए अति आवश्यक है।
ओम ग्लोबल यूनिवर्सिटी, हिसार की डॉ. सुमेस्ता ने राजस्थान के इतिहास में महिला स्थिति और भूमिका विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। दिल्ली विश्वविद्यालय की सहायक आचार्य डॉ. कैलाश रानी ने ‘मारवाड़ समाज में नारी रोटी सट्टा बसीपन्ना का समाज शास्त्र’ विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि इतिहास में महिलाओं महत्वपूर्ण रही है। द्वितीय सत्र में पुलिस विश्वविद्यालय, जोधपुर की डॉ. साधना मेघवाल ने ‘स्वतंत्रता संग्राम में वीर बाला कालीबाई का योगदान’ विषय पर शोध पत्र किया। उन्होंने उस दौर में चल रही बेगार और दास प्रथा तथा वर्तमान समय में महिला शिक्षा की महता पर प्रकाश डाला।सोफिया कॉलेज, अजमेर की डॉ. लतिका दास ने ‘अनविलिंग द इनविजिबल अननेम्ड वूमेन ऑफ़ कॉलोनियल अजमेर मेरवाड़ा’ विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। कोलकाता विश्वविद्यालय की सोमा घोष ने ‘मॉडर्निटी एंड आईडेंटिफाई महारानी गायत्री देवी एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ़ द राजपूत वुमन’ विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए जयपुर की महारानी गायत्री देवी के जीवन पर प्रकाश डाला।
समापन सत्र में गृह विज्ञान महाविद्यालय बीकानेर की अधिष्ठाता प्रो. विमला डुकवाल ने महिलाओं के उत्थान पर अपने विचार रखें।
समापन सत्र में संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी ने कहा कि महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। यह अच्छे संकेत हैं। इस दौरान संभागीय आयुक्त ने अभिलेखागार के छठे अभिलेख जर्नल का विमोचन भी किया। समापन सत्र में संस्कृति के क्षेत्र में कार्य कर रही गरिमा विजय का सम्मान किया गया। प्रो. एस. के. भनोत ने भी विचार रखे।
इस दौरान सहायक निदेशक डॉ हरिमोहन मीणा, रामेश्वर बैरवा, सुनील जोशी, डॉ राजेन्द्र सिंह व डॉ दलीप वर्मा ने अतिथियों का सम्मान किया। कार्यक्रम के अंत में निदेशक डॉ. नितिन गोयल ने आभार व्यक्त किया l

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