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बीकानेर,जयपुर,राजस्थान हाई कोर्ट ने कर्मचारी चयन बोर्ड (आएसएसबी) के चैयरमेन को तलब किया हैं। जस्टिस समीर जैन की अदालत ने चैयरमेन को पिछले तीन सालों में हुई भर्ती परीक्षाओं के रिकॉर्ड के साथ सात मार्च को व्यक्तिगत रूप से हाई कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है।

दरअसल राजस्थान हाई कोर्ट आज टीचर ग्रेड थर्ड लेवल-1 की भर्ती मामले में सुनवाई कर रहा था। कोर्ट के सामने आया कि बोर्ड की प्रारम्भिक आंसर-की और फाइनल आंसर-की में बड़े पैमाने में परिवर्तन देखने को मिलता है। जिसके चलते चयन से बाहर हुए अभ्यर्थी बड़ी संख्या में कोर्ट पहुंचते हैं।

इस भर्ती परीक्षा में भी कई अभ्यर्थियों के उत्तर प्रारम्भिक आंसर-की में सही थे। लेकिन फाइनल आंसर-की में बोर्ड ने उन्हें गलत मान लिया। जिसके चलते बड़ी संख्या में अभ्यर्थी चयन से बाहर गए। इस पर कोर्ट ने बोर्ड से पूछा है कि प्रारम्भिक आंसर-की भी बोर्ड ही तैयार करता है। वहीं फाइनल आंसर-की भी बोर्ड एक्सपर्ट द्वारा तैयार की जाती है। ऐसे में इसमें इतना परिवर्तन किस आधार पर किया जाता हैं।

*आंसर-की में परिवर्तन से कितनी परीक्षाओं के परिणाम हुए परिवर्तित*

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता अधिवक्ता विज्ञान शाह ने बताया कि टीचर ग्रेड थर्ड भर्ती परीक्षा के लेवल-1 में याचिकाकर्ताओं के 8 सवालों के उत्तर बोर्ड ने प्रारम्भिक आंसर-की में सही माने थे। लेकिन जब परिणाम के साथ फाइनल आंसर-की जारी की गई तो उसमें इनके जवाबों को गलत मान लिया गया। जिससे सैकडों अभ्यर्थी चयन से वंचित हो गए।

जिसके बाद हमने हाई कोर्ट में इस मामले को चुनौती दी। लेकिन बोर्ड ने हाई कोर्ट के निर्देश के बाद भी त्रुटियों को सही नहीं किया। इस पर कोर्ट ने आज बोर्ड से पूछा है कि बोर्ड किस आधार पर इतने बड़े पैमाने में सवालों के जवाब परिवर्तित करता हैं।

वहीं बोर्ड को यह भी बताने के लिए कहा गया है कि आंसर-की में परिवर्तन करने से कितनी भर्ती परीक्षाओं के फाइनल परिणाम में परिवर्तन हुआ है। कोर्ट ने बोर्ड चैयरमेन से पिछले तीन सालों में हुई भर्ती परीक्षाओ का ब्यौरा मांगा है।

करीब 21 हज़ार पदों पर अटकी है भर्ती

टीचर ग्रेड थर्ड भर्ती-2023 के लेवल-1 पर हाई कोर्ट ने 30 नवम्बर 2023 से यथास्थिति के आदेश दे रखे हैं। जिसके चलते करीब 21 हज़ार पदों पर भर्ती अटकी हुई हैं। कोर्ट इस मामले में फाइनल सुनवाई कर रही हैं। अभ्यर्थियों को उम्मीद थी कि आज इस मामले में भर्ती से रोक हटेगी। लेकिन फिलहाल मामला अटक गया है। अब मामलें की 7 मार्च को अगली सुनवाई होगी।

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